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मप्र में लोग हथली पर क्यों बना रहें लाल निशान

 

— महिला,पुरूषों ने लाल निशान वाली हथली वाली फोटो सोशल मिडिया पर पोस्ट की

 

मध्यप्रदेश। लोग अपनी हथेली पर लाल रंग का गोलाकार निशान लगा कर घूम रहे हैं, यह लोग अन्य लोगो को भी ऐसा ही करने को बोल रहे हैं, कुछ लडके, लडिकियों ने लाल निशान वाली हथली का फोटो सोशल मिडिया पर भी पोस्ट किया है।जी नहीं ये गणेश जी दूध पी रहे है जैसे अफवाह या जादू — टोना, अंधविश्वास नहीं है। यह रेड डॉट चैलेज है…

दरअसल,#Menstrual Hygiene Day आज 28 मई को दुनिया भर में मासिक धर्म को लकर महिलाओ को जगरूक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं,इस क्रम में यूनीसेफ की मप्र इकाई ने नए तारीक से महिलाओं को जागरूक करने कर दिशा में कदम बढाया हैं। जागरूक करने के काम में लगे महिला, पुरूष अपनी हथली पर लाल रंग का गोलाकार निशान बना रहे है। इसको नाम दिया गया है रेड डॉट चैलेंज। इस चैंलेज के अन्तर्गत कोई भी अपनी हथली पर लाल रंग का गोलाकार निशान बना कर इसमे भाग ले सकता है। यह रेड डॉट चैलेंज गांव तक भी जा पंहुचा है ग्रामीण भी अपनी हथली पर लाल रंग का गोलाकार निशान बना कर महिलाओ को हाने वाली महावरी की परेशनियों और भ्रांतियों के बारे में बात कर रहे है।

क्या है? मासिक धर्म स्वच्छता  दिवस (Menstrual Hygiene Day)

दुनिया के कई देशों में अब भी महिलाओं को होने वाली महावरी को खाराब नजर से देखा जाता है। महावरी, मासिक धर्म या पीरियड्स के दौरान लडकियों को कई तरह की हिदायत दी जाती है। इसको लेकर कई प्रकार के भ्रम है। इसलिए 28 मई को हर साल दुनिया भर में महिलाओं को जागरूक करने के लिए( Menstrual Hygiene Day) मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मानाया जाता ​है और इस बार मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 2019 की थीम ‘इट्स टाइम फॉर एक्शन रखी गई है।

मासिक धर्म को लेकर कई तरह की गलत धारणाएं

मासिक धर्म को लेकर 70 फीसदी महिलायो को सही जानकारी नहीं है। इसी वजह से वे कई तरह की परेशानी में फंस जाती है उनको सक्रांमण होता है, या अन्य बिमरियों की चपेट में आ जाती है। इसके अलावा भी मानसिक प्रताडना भी होती है। अभी भी भारत सहित कई देशों में मासिक धर्म के दौरान अछूत जैसा व्यवहार किया जाता है। जैसे कि किचन में जाने पर पबंदी, खाने की वस्तुओं को नहीं छूना, मंदिर नहीं जाना या धर्मिक जगहों से दूर रहना। पानी के बर्तन को नहीं छुना सहित बहुत गलत गलत धारणाएं है। इसके अलावा भारत के ग्रामीण इलाकों में अब भी पेड का उपयोग करना लडकियां नहीं जनती वो कपडा ही इस्माल करती है जिससे संकामण होता हैं।

— अब चुप नहीं रहना बोलना होगा

इस साल मासिक धर्म स्वच्छता दिवस (Menstrual Hygiene Day) कई संस्थाएं जागरूकता कार्यक्रम कर रही हैं सबका एक ही मकसद है कि मासिक धर्म को लेकर लडकियां चुप न रहे वो बाले, बात करें, इसमें कोई अपराधबोध नहीं होना चाहिए। इस पर पुरूष भी बात करें। चुप रहने से महिलाओं को स्थिति नहीं बदलेंगी।

Menstrual Hygiene Day: reddotchallenge

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