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महंगे पेट्रोल-डीजल का असर, खुदरा के बाद थोक महंगाई भी बढ़ी

थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त के 4.53 फीसदी से बढ़कर सितंबर में 5.13 फीसदी हो गई. केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में थोक महंगाई दर में 4.53 फीसदी का इजाफा हुआ था जबकि सितंबर 2017 के दौरान थोक महंगाई दर में 2.6 फीसदी का इजाफा हुआ था.

इससे पहले केन्द्र बीते हफ्ते आए खुदरा महंगाई के आंकड़े भी केन्द्र सरकार के लिए परेशानी के संकेत लेकर आई थी. खुदरा महंगाई के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) बढ़कर 3.77 फीसद हो गई. जबकि अगस्त महीने में खुदरा महंगाई दर 3.69 फीसद रही थी.

सितंबर में खाद्य महंगाई दर महीने दर महीने के आधार पर -2.25 फीसदी से बढ़कर 0.14 हो गई है. जबकि सितंबर में प्राइमरी ऑर्टिकल्स की महंगाई दर -0.15 फीसदी से बढ़कर 2.97 फीसदी पर पहुंच गई है.

फ्यूल और पावर की थोक महंगाई दर 17.73 फीसदी से घटकर 16.65 फीसदी पर है और नान- फूड ऑर्टिकल्स की थोक महंगाई दर 3.48 फीसदी से बढ़कर 4.17 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है. सितंबर में मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर 4.43 फीसदी से घटकर 4.22 फीसदी पर रही है.

सब्जियों की थोक महंगाई दर -20.18 फीसदी के मुकाबले -3.83 फीसदी रही है. महीने दर महीने आधार पर सितंबर में अंडे, मांस और मछली की थोक महंगाई दर 0.59 से घटकर -0.52 फीसदी रही है.

गौरतलब है कि इन आंकड़ों से इतर औद्योगिक उत्पादन के मामले में भी सुस्ती देखने को मिली है. अगस्त महीने में आईआईपी घटकर 4.3 फीसद हो गई थी, जो पिछले तीन महीने का न्यूनतम स्तर है. हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने महंगाई बढ़ने की संभावना को देखते हुए सख्त मौद्रिक नीति की सलाह दी थी. आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीडीपी अनुमान को कम कर 7.3 फीसद कर दिया है.

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