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देश में जब सन्नाटा और बाजार बंद थे तब एक लडका पुलिस को चौराहे चौराहे पानी-चाय पिला रहा था…

यह भारत की वो तस्वीर जिसमें मानवता और भाईचारे के भाव की उम्मीद कायम होती है। दिन शनिवार तारीख 9 नवंबर साल 2019,देश में सबसे ​बडे विवाद का फैसला सुपीम कोर्ट से आना है। हर शहर,गली महौल्लों में पुलिसकर्मी तैनात है। सूरज निकालने से भी पहले से आम शहरी,ग्रामीण की सुरक्षा की जिम्मेदारी लिए डेट है वो चौराहों पर…। सन्नाटा पसरा है दूर तक कही कोई दिखाई नहीं देता…। बाजार की सभी दुकानें बंद है यहां तक कि चाय-पानी तक नहीं मिल सकता, इक्का दुक्का लोग अपने वाहन से सीधे घर पहुंचने की जल्दी में है। फैसला आता है। अब असली परीक्षा शुरू होती है..अपनी जगह से हिलने तक की इज्जात पुलिसकर्मियों को नहींं है। बीतें कई घंटो से लोगों की सुरक्षा में तैनात है ऐसे में प्यास लगाना लाजमी है लेकिन सुरक्षकर्मियों को पानी कब और कैसे मिलेगा ,इसक जानकारी किसी को नहीं होती। लोग भी नहीं पूछते..। ऐसे में इस तनाव और अनजाने डर के बीच एक लडके ने वो काम किया कि पुलिसकर्मियों के प्यास कंठ को तर हुए ही उनका मन भी विश्वास से भर गया।
दरअसल, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का नजीदीक जिला सीहोर में अन्य शहरो की तरह बाजर बंद थे और हर जगह पुलिसकर्मी तैनात थे बजार बंद होने से उन्हें पानी तक नही मिल रहा था,ऐसे में सो नाइस टी के संचालक जितेंद्र राठौर ने अपनी दुकान के भीतर चाय बनवाई उसे थर्मस में भरा और साथ में पानी की बोतल ली..। जितेंद्र ने शहर के इस छोर से दूसरे छोर तक जहां भी पुलिसकर्मी तैनात थे सभी को आग्रह कर पानी और चाय पिलाते चले गए। पुलिसकर्मी भी हैरान थे कि इस तरह के महौल में एक लडका ऐसे उनके लिए पानी और चाय लाकर पिला रहा है। जितेंद्र का यह कार्य वास्तव में उम्मीद जगाता है कि अभी कुछ तो लोग है जिनमें मानवता शेष है। यह उदाहरण है कि आप पहल कीजिए बादलाव तो आयगा ही…। आपको बता दें कि जितेंद्र राठौर की चाय को आईएसओ प्रमाण पत्र प्राप्त है। उनकी चाय पूरे शहर में फेमस हैं।

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