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पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव: बीजेपी के घोषणापत्र में बांग्लादेश दंगों की तस्वीर, टीएमसी ने साधा निशाना

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर एक के बाद एक विवाद लगातार सामने आ रहे हैं। पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर बीजेपी और सीपीएम ने आरोप लगाया था कि उनके उम्मीदवारों को पर्चा भरने से रोका जा रहा है जिसके बाद यह मामला कोर्ट पहुंचा। अब यह खबर आई है कि बीजेपी के घोषणा पत्र में बांग्लादेश दंगों की तस्वीर लगाई गई है। बीजेपी ने पंचायत चुनावों के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी की पश्चिम बंगाल यूनिट ने घोषणापत्र पर जो तस्वीरें लगाई हैं, वे वर्ष 2013 में ढाका में हुए दंगों की हैं। इन तस्वीरों के जरिए पार्टी दावा करने की कोशिश कर रही है कि बंगाल में कानून-व्यवस्था बेहद खराब है। एक तस्वीर को छोड़ दें तो अन्य तस्वीरें पश्चिम बंगाल से संबंधित नहीं हैं।इन तस्वीरों को लेकर बीजेपी ने अपना बचाव में मीडिया से बातचीत के दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘वर्तमान में बंगाल की जो स्थिति है, वह इसके जरिये हम दिखाना चाहते हैं।’ बीजेपी का कहना है कि यह गलती से नहीं, बल्कि जानकर ऐसा किया गया है। बांग्लादेश दंगों के बाद प्रदेश में घटी घटनाओं को दर्शाने के लिए इन तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। पार्टी ने दावा किया कि जो बांग्लादेश में हुआ, उसके बाद प्रदेश के कई हिस्सों में हिंदू देवताओं की मूर्तियां को अपमानित किया गया था और इसलिए ही इन तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। आगामी पंचायत चुनावों में बीजेपी दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरने की तैयारियों में जुटी हुई है। बीजेपी द्वारा अपने घोषणापत्र में बांग्लादेश के दंगों की तस्वीरों का इस्तेमाल करने को लेकर पार्टी विपक्ष के निशाने पर आ गई है। इस मामले पर टीएमसी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, बीजेपी पब्लिक को गुमराह कर रही है।

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की नई तारीखें तय करने के लिए 24 अप्रैल को पंचायत विभाग के अधिकारियों के साथ राज्य चुनाव आयोग की घंटे भर चली बैठक बेनतीजा रही। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल को फिर बैठक होगी। पहले के कार्यक्रम के हिसाब से राज्य में 1,3 और पांच मई को पंचायत चुनाव होने थे। लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य चुनाव आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के वास्ते नामांकन की तारीख बढ़ाकर 23 अप्रैल करने की घोषणा की। राज्य चुनाव आयोग के हिसाब से नामांकन पत्रों की जांच 25 अप्रैल को होगी और 28 अप्रैल तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। पश्चिम बंगाल पंचायत अधिनियम,2003 के हिसाब से नामांकन की आखिरी तारीख और मतदान की तारीख के बीच कम से कम 21 दिनों का फासला होना चाहिए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 25 अप्रैल को फिर बैठक होगी और उसके बाद तारीखें घोषित की जा सकती हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पंचायत चुनाव में नामांकन भरने के दौरान हिंसा की रिपोर्ट को विपक्षी दलों और एक मीडिया हाउस ने बढ़ा चढ़ाकर पेश किया। ममता ने कहा कि नामांकन भरने के दौरान केवल 8 से 9 घटनाएं सामने आई हैं। इसमें 4 लोग मारे गए है और सभी टीएमसी से संबंध रखते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी हिंसा नहीं चाहती है और दावा किया कि उनकी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों ने बेबुनियाद खबर को फैलाने का काम किया। एक निजी चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी शांति चाहती है। विपक्षी दल उनकी सरकार के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं। एक मीडिया हाउस भी सरकार की छवि को बदनाम करने के लिए काम कर रहा है।

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