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विराट कोहली ने बताई अपनी ख्वाहिश, लेकिन ये वनडे या टी-20 की नहीं है

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की ख्वाहिश टेस्ट प्रारूप में भारत को ‘सुपरपावर’ ( Superpower) बनाने की है. उन्होंने कहा कि वह टीम इंडिया को टेस्ट क्रिकेट में महाशक्ति बनते देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा ,‘मैं यह नहीं कहूंगा कि लक्ष्य है, लेकिन हमारा दृष्टिकोण यह है कि हम भारत को आने वाले समय में टेस्ट क्रिकेट में महाशक्ति बनते देखना चाहते हैं.’ बल्लेबाजी के नित नए रिकॉर्ड बनाते जा रहे विराट कोहली ने युवाओं को खास संदेश भी दिया है.

कोहली ने कहा,‘मेरा मानना है कि भारतीय क्रिकेट टेस्ट क्रिकेट का सम्मान करता है, भारतीय खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट का सम्मान करते हैं, तो टेस्ट क्रिकेट शिखर पर रहेगा क्योंकि हमारे प्रशंसक पूरी दुनिया में हैं.’उन्होंने कहा है कि सिर्फ सीमित ओवरों के प्रारूप पर फोकस करना ही टेस्ट क्रिकेट की चुनौतियों का सामना कर पाने में समर्थ होने का बहाना नहीं होना चाहिए. 25 टेस्ट शतक बना चुके दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज ने चेताया कि युवा अगर पांच दिनी क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे, तो उन्हें मानसिक दिक्कतें होंगी.

कोहली ने कहा कि भारत के मौजूदा टेस्ट क्रिकेटर युवा पीढ़ी के लिए उदाहरण पेश करने की कोशिश में हैं. उन्होंने स्टार स्पोटर्स से कहा ,‘हम छोटे प्रारूप पर बहुत ज्यादा फोकस करते हैं और यह बहाना बनाते हैं कि उसकी वजह से टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे तो मुझे लगता है कि क्रिकेटरों को मानसिक दिक्कतें पेश आने लगेंगी.’

उन्होंने कहा,‘जब तक आप पांच दिन तक हर सुबह उठकर मेहनत करने को तत्पर हैं और सारी मेहनत करते हैं. यदि आप दो घंटे बल्लेबाजी करना चाहते हैं और टीम के लिए रन नहीं बना पाते हैं. मुझे लगता है कि आपको पहले वाले के लिए तैयार रहना चाहिए.

उन्होंने अपना काम आसान करने के लिए कोच रवि शास्त्री को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा ,‘2014 के बाद से उन्होंने मुझे हमेशा ईमानदारी से फीडबैक दिया है कि कब सुधार की जरूरत है.’ ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाने से पहले कोहली ने इस धारणा को खारिज किया था कि शास्त्री उनकी हां में हां मिलाते हैं.

उन्होंने कहा ,‘उन्होंने इतनी कमेंट्री की है और खेल को इतना देखा या खेला है कि मैच देखकर ही उन्हें पता चल जाता है कि किस दिशा में खेल जा रहा है. उनसे फीडबैक लेने से काफी मदद मिलती है. उन्होंने कभी कप्तानी के अनुकूल ढालने के लिए मुझे बदलने की कोशिश नहीं की.’

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