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हनुमान को दलित बताने पर योगी की सफाई- निकाल रहे बाल की खाल

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान की एक जनसभा में बजरंगबली को दलित बताने पर हुए विवाद के बाद इसकी सफाई खुद देकर इसे खत्म करने का प्रयास किया है. हालांकि योगी आदित्यनाथ ने अपने दलित वाले बयान की बात नहीं की, लेकिन प्रयाग में संगम किनारे लेटे हुए हनुमान जी के दर्शन के बाद एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि उनकी एक बात को बेवजह तूल दिया जा रहा है. यह वे लोग हैं जो धर्म का मर्म नहीं समझते हैं. लोग उनके बयान के बाल की खाल निकाल रहे हैं जिसका कोई मतलब नहीं है.

रविवार को प्रयागराज पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर कहा कि किसी के काम पर उंगली उठाना आसान होता है, लेकिन अगर दूसरों पर उंगली उठाने के बजाय हर कोई अपनी ज़िम्मेदारी निभाने लगे तो यह धरती दिव्यलोक बन सकती है.

सीएम योगी प्रयागराज में कांची कामकोटि पीठ द्वारा आयोजित चार दिनों के कुम्भाभिषेकम महोत्सव के समापन में पहुंचे थे, हालांकि यह सारा कार्यक्रम बिना किसी पूर्व सूचना के था. योगी अचानक हनुमान मंदिर पहुंच गए. वहां उन्होंने बजरंगबली के दर्शन पूजन करने के बाद प्रतीकात्मक आरती की और प्रसाद भी ग्रहण किया.

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर मंदिर के महंत और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि से बातचीत भी की. महंत नरेंद्र गिरि के मुताबिक़ दोनों के बीच सिर्फ कुंभ मेले के आयोजन को लेकर ही बातचीत हुई. सीएम योगी ने प्रयागराज में शंकर विमान मंडपम मंदिर में भी दर्शन किया और वहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती से बातचीत की.

मुख्यमंत्री जब इलाहाबाद से वापस लौट रहे थे तब समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका रास्ते में विरोध प्रदर्शन किया और एक बार फिर काफिले में घुसकर काला कपड़ा दिखाने की कोशिश हुई.

बता दें कि जब से मुख्यमंत्री योगी ने हनुमान जी को दलित शब्द से नवाजा है तभी से दलितों के कई संगठन हनुमान मंदिर में कब्जे का आंदोलन चला रहे हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दलित नेता चंद्रशेखर आजाद ने तो दलित मंदिर के साथ-साथ मंदिर में आने वाले चढ़ावे और दान पर भी दलितों को दावा करने का आह्वान किया

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