महिलाओं और अफसर और संप्रदियक बात करने वालों नेताओं को चुनाव आयोग ने कम सजा दी
इंसाइड स्टोरी डेस्क। महिलाओं और अफसर और संप्रदियक बात करने वाले नेताओं को चुनाव आयोग ने 72 और 48 घंटे बोलने पर पंबदी लगा दी है। चुनाव आयोग द्वारा हुई दन नेताओं के लिए कम है। किसी महिला,अफसर का इस तरह उपमान करना और समाज को सप्रदायिकता की आग में झोकना ये साधारण अपराध नहीं है। ये नेता चुनाव आयोग द्वारा बनाई गई अर्दाश अचार संहिता को मामूली नियमों से ज्यादा कुद नहीं समझे। अच्छा ये होता कि इस तरह के भाषण देने वाले नेताओं पर चुनाव लडने की ही पंबदी लगा दी जाती।
चुनाव आयोग ने चार नेताओं पर कुछ घंटे प्रचार पर पबंदी लगाई है जिसमें आजम खान 72 घंटे,यूपी यीएम योगी 72 घंटे,मनेका गांधी 48 घंटे और मायावती को 48 घंटे शामिल है। इन्होंने अपने भाषण के माध्यम से महिलाओं का अपमान, अफसरों का अपमान और सप्रदायिकता फैलाई ।
कौन नेता ने क्या कहा…
उत्तर प्रदेश के रामपुर सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव लड रहे आजम खान ने नाम न लेकर बीजेपी उम्मीदवार जया प्रदा पर अहुत ही भदृी टिप्पणी की। उन्होंने खाकी अंडरवियर शब्द का का उपयोग किया। आजम खाने के बोल यहीं नही थामें ,उन्होंने एक रैली में कहा कि बडे बडे अफसर मायावती के जुतें साथ करते है,उन्ही के साथ गठबंधन हैं,आगे इन अफसरों से हम भी जुतें साफ करवाएंगे। आजम खान ने चुनाव को दुशमनी में बदल दिया है।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने सप्रदायिकता की बाज की, योगी ने कहा कि अगर मायावती के साथ वली है तो उनके साथ बजरंगवली है। एक बार नहीं दो बार योगी ने अपनी बात दोहराई। मुख्यमंत्री योगी इससे पहले भी असी तरह के भाषण देते रहे है।
मायावती ने अपने भाषण कहा था कि भाजपा को कांग्रेस नहीं हारा पायगी ।देंगे। इसलिए मुस्लमान सिर्फ गंठबंधन को वोट दें,बाद में मायावती ने यह भी कहा कि उनक साथ वाली और बंजरंगवली दोनों है।
मेनका गांधी ने मुस्लिम इलाक तूराबखानी मेंआयोजित एक चुनावी सभा में कहा था कि मैं लोगों के प्यार और सहयोग से जीत रही हूं, लेकिन अगर मेरी यह जीत मुसलमानों के बिना होगी तो मुझे बहुत अच्छा नहीं लगेगा. बीजेपी नेता ने कहा कि इतना मैं बता देती हूं कि फिर दिल खट्टा हो जाता है. फिर जब मुसलमान आता है काम के लिए, फिर मै सोचती हूं कि नहीं रहने ही दो क्या फर्क पड़ता है। मेनका गांधी इस बार सुल्तानपुर से बीजेपी उम्मीदवार हैं।