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सनडे को सोने के कंगन जैसा नजर आयेगा सूरज, ऐसा क्यों होगा?

 

[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]सारिका घारू[/mkd_highlight]

 

सनडे को जब आकाश में सन साल की सबसे लंबी अवधि 13 घंटे 31 मिनिट और 44 सेकंड तक दिखने जा रहा है तब चंद्रमा लगभग 3 घंटे 33 मिनिट तक उसके सामने आकर बाधक बनेगा। चंद्रमा उस समय पृथ्वी से दूर होगा इसलिये सूर्य के बीच के भाग को तो ढंक लेगा लेकिन आसपास का भाग कंगन की तरह चमकता दिखेगा।
वलयाकार सूर्यग्रहण एन्यूलर सोलर इकलिप्स की इस खगोलीय घटना में सूर्य के चमकते कंगन सा मनोरम दृश्य राजस्थान, हरियाणा उत्तराखंड के कुछ शहरो और ग्रामों से देखने केा मिलेगा। वलयाकारिता की अवधि लगभग 30 सेकंड रहेगी।

कहां से शुरू, कहां खत्म-

21 जून का वलयाकार सूर्यग्रहण मध्य अफ्रीकी गणराज्य में उगते हुए सूरज से शुरू होकर आगे कांगो, इथियोपिया, यमन, सऊदी अरब, ओमान, पाकिस्तान, भारत, चीन और ताइवान से देखने को मिलेगा। यह दक्षिण प्रशांत महासागर में शाम को समाप्त होगा।

वलयाकार सूर्यग्रहण भारत के किन राज्यों में दिख सकेगा-

21 जून को उत्तर भारत के केवल चार राज्य, अर्थात राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का हिस्सा इस वलयाकार सूर्य ग्रहण को देख सकेंगे।

भारत में वलयाकार सूर्य ग्रहण की शुरुआत पश्चिम राजस्थान से होगी, और इसे देखने वाला पहला शहर घरसाना है। भारतीय समय के अनुसार, पहला संपर्क 10 बजकर 12 मिनट और 26 सेकंड पर शुरू होगा। वलयाकार सूर्य ग्रहण राजस्थान के अनूपगढ़, श्रीविजयनगर, सूरतगढ़ और एलेनाबाद से होते हुए हरियाणा के सिरसा, रतिया (फतेहाबाद), जाखल, पिहोवा, कुरुक्षेत्र, लाडवा, यमुनानगर से जगदरी और फिर उत्तर प्रदेश के बेहट जिले से गुजरेगा। वलयाकार ग्रहण उत्तराखंड के देहरादून, चंबा, टिहरी, अगस्त्यमुनि, चमोली, गोपेश्वर, पीपलकोटी, तपोवन तथा जोशीमठ से देखने को मिलेगा। जोशीमठ भारत का अंतिम स्थान है जहाँ से ग्रहण देखा जा सकेगा। जोशीमठ में 10 बजकर 27 मिनट और 43 सेकंड को ग्रहण का पहला संपर्क होगा

मध्यप्रदेश में पार्शिल सोलर इकलिप्स आंशिक सूर्यग्रहण

कोरोनाकाल में वलयाकार ग्रहण देखने उत्तरभारत जाना तो संभव नहीं हो पायेगा इसलिये आमलोग इसे ऑनलाईन देख पायेंगे। लेकिन आप अपने शहर सहित संपूर्ण भारत से सोलर व्यअूर की मदद से ग्रहण का आंशिक चरण प्रत्यक्ष देख सकते हैं।

 

                                    ( लेखिका नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक है )

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