पीएम जनमन योजना से पीवीटीजी समुदाय के लोगों के जीवन स्तर में हो रहा सुधार

रायपुर :  प्रधानमंत्री जनमन योजना विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसके तहत शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का सीधा-सीधा लाभ इन समुदाय के लोगों को मिल रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सुशासन की सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की खुद के पक्के मकान के सपने को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर कार्य कर रही है।  

पीएम जनमन योजना अंतर्गत बलरामपुर जिला के ग्राम पंचायत करासी में पिछड़ी जनजाति समुदाय के हितग्राही जगरनाथ पहाड़ी कोरवा का प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ है। वह बताते हैं कि वह अपने परिवार के साथ कच्चे के मकान में रह कर गुजर-बसर करते थे। परिवार की दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए वो खेती और मजदूरी करते थे। उसने कभी नही सोचा था कि अपने इस जीवनकाल में अपने परिवार के लिए पक्का मकान बना पायेगा। उन्होंने बताया कि उनके लिये पक्के का मकान एक सपने जैसा था, लेकिन हम विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लिए पक्का आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम जनमन योजना शुरू की जिसके तहत मुझे वर्ष 2023-24 में पक्का आवास बनाने के लिए शासन से स्वीकृति मिली। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की इस गरीबों के जनकल्याणकारी पीएम जनमन आवास योजना के तहत उन्हें पक्के मकान का सुख मिला है और आज मैं अपने परिवार के साथ पक्के के मकान में सुरक्षित और खुशहाल जीवन जी रहा हूं। उन्होंने पक्के आवास के सपने को हकीकत में बदलने के लिए प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

हितग्राही जगरनाथ ने बताया कि शासन की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ उनके परिवार को मिल रहा है। जिसके अंतर्गत महतारी वंदन योजना के तहत उनकी पत्नी को प्रतिमाह 01 हजार रूपए की सहायता राशि मिल रही है। इसी प्रकार रोजगार गारंटी योजना मनरेगा में कार्य, तेंदूपूत्ता संग्रहण, किसान पेंशन योजना, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड जैसी अन्य योजनाओं से भी लाभान्वित हो रहे हैं। जिससे उनके परिवार की आय बढ़ रही है। उन्होंने जिला प्रशासन को अपने आर्थिक एवं सामाजिक वृद्धि हेतु आभार व्यक्त करते हुए विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के आशियाने के सपने को पूरा करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का सहृदय धन्यवाद ज्ञापित किया।

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