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दोपहर दो बजे तय होगी किसान आंदोलन की दिशा

दिल्ली। केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कानूनों को लेकर किसान आन्दोलन कर रहे हैं। किसानों और सरकार के बीच मंगलवार को बातचीत होना थी पर टल गई है। वहीं किसान 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस को आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड में शामल होने की तैयारयां कर रहे है। किसान अभी भी अपने मांगों पर अडे हुए हैं।
गौरतलब है किषि कानूनों के विरोध में किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड को लेकर किसानों और पुलिस के बीच मीटिंग हुई। आन्दोलन में शामिल किसान नेताओं का कहना है कि वह तब तक आन्दोलन करते रहेंगे, जब तक सरकार तीनों कृष कानून सरकार वापस नहीं ले लेती है। दूसरी ओर िकसान आन्दोलन में आगामी रणनीत के िलए िकसान भी डटे हुए हैं।
वार्ताओं से नहीं निकला हल
नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और सरकार के बीच वार्ताओं का दौर जारी है पर हल नहीं निकल रहा है। अब आज विज्ञान भवन में दोपहर दो बजे वार्ता होगी। केंद्र ने कहा है कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द गतिरोध सुलझाना चाहते हैं लेकिन अलग विचारधारा के लोगों की संलिप्तता की वजह से इसमें देरी हो रही है सरकार ने यह दावा किया कि नये कृषि कानून किसानों के हित में हैं और कहा कि जब भी कोई अच्छा कदम उठाया जाता है तो इसमें अड़चनें आती हैं। अब बुधवार को होने वाली चर्चा में क्या हल निकलेगा यह देखने काबिल होगा।
अब और होगी मुश्कल
किसान पहले से ही ऐलान कर चुके हैं िक वह िदल्ली में आयोजत होने वाली गणतंत्र िदवस की परेड में शामल होंगे, इसमें बडी संख्या में िकसान जो आन्दोलन में डटे हुए हैं वह तैयारयां की जा रही है, वहीं इस परेड के लिए आन्दोलन में किसानों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि आन्दोलन स्थल पर और कसानों की संख्या में इजाफा हो सकता है। भारी संख्या में ट्रेक्टर भी शामल होगे। ऐसे में स्िथतियां िबगड भी सकती है, जानकार इसका अंदेशा जाहिर कर चुके हैं।

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