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लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि संसदीय शोध सेवाओं को सुदृढ़ किया जाए

लोक सभा अध्यक्ष श्रीमती सुमितर महाजन ने 10 जनवरी 2018 को विक्टोरिया, सेशल्स में राष्टृ मॉडल के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारीयों के 24वें सम्मलेन में “विधानमंडलो के प्रभावी कार्यकरण के लिए संसदीय शोध को सुदृढ़ बनाने” के विषय पर मुख्य भाषण दिया।[/caption]

सेशल्स 10 जनवरी 2018 : लोक सभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने आज विक्टोरिया , सेशल्स में राष्ट्रमंडल के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारीयों के 24वे सम्मलेन में “विधानमंडलों के प्रभावी कार्यकरण के लिए संसदीय शोध को सुदृढ़ बनाने” विषय पर मुख्य भाषण दिया l उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक विधायकों की भूमिका बहुत व्यापक हो गई है और उनकी जिम्मेदारी बहुत अधिक बढ़ गई है क्योंकि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र की विकास सम्बन्धी जरूरतों के साथ ही अपने विधायी दायित्वों को भी निभाना होता है l उन्होंने टिप्पणी की कि वे विविध पृष्ठभूमि से आते हैं और उनके सामने बहुत से जटिल मुद्दे होते हैं इसलिए यह जरुरी हो जाता है कि उनकी सहायता के लिए सुनियोजितऔर प्रशिक्षित शोध और सूचना सेवा हो l उन्होंने कहा कि व्यावसायिक रूप से संगठित शोध सेवा से ये अपेक्षा की जाती है कि वे सदस्यों के काम आने वाले सभी पहलुओं के बारे में प्रमाण योग्य जानकारी , तुलनात्मक आंकड़े और विश्लेषणात्मक सामग्री प्रदान करें l श्रीमती महाजन ने इस बात पर जोर दिया कि सुदृढ़ संसदीय शोध सेवा की आवश्यकता राष्ट्र के समक्ष मुद्दों की जटिलताओं को समझने के लिए विश्व के विकासशील लोकतंत्रों के लिए बहुत अधिक है l

श्रीमती महाजन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में सांसदों की शोध आवश्यकताओं को “शोध और सूचना प्रभाग” तथा सदस्य सन्दर्भ सेवा” पूरा करती हैं जो लॉर्डिस (ग्रंथालय और शोध,सन्दर्भ ,प्रलेखन तथा सूचना सेवा) का एक भाग है l उन्होंने यह जानकारी भी दी कीसेवा का प्रयास रहता है कि संसद सदस्यों कोरोज़मर्रा की घटनाओं से अवगत रखा जाय और उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके तथा यह सेवा विभिन्न सामायिक मुद्दों पर सूचना विवरण पुस्तिका,बुलेटिन,टिप्पण इत्यादि भी निकलती है l यह देखते हुए कि उनके द्वारा संसद सदस्यों को अतिरिक्त शोध सहायता प्रदान करने की आवश्यकता महसूस की गई,श्रीमती महाजन ने प्रतिनिधिमंडल कोजानकारी दी किएक नया मंच “ अध्यक्षीय शोध कदम” की 2015 में स्थापना की गई,ताकि राष्ट्रीय महत्व के नीतिगत मुद्दों के बारे में सांसदों को अलग स्तर की जानकारी उपलब्ध कराई जा सके l अशोक ने सत्र के दौरान सकालीन महत्व के विषयों पर अनेक कार्यशालाओं और चर्चाओं का आयोजन किया और इस प्रकार सदस्यों को विभिन क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ व्यक्तिगत बातचीत के माध्यम से मूल्यवान जानकारी प्रदान की l उन्होंने कहा कि अशोक द्वारा प्रदान की गई जानकारी सदस्यों के लिए बहुत लाभदायक रही और उन्होंने अपने कार्यकलापों में बहुत रूचि ली l श्रीमती महाजन ने इस बात पर जोर दिया कि शोध कर्मियों को अन्य संसदीय शोध सेवाओं और घटनाओ की जानकारी प्रदान करने से उन्हें ज्ञान साझा करने,बेहतरीन कार्यप्रणाली अपनाने, और सदस्यों को शोध सेवाएं प्रदान करने के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाने में मदद करेगा l

श्रीमती महाजन ने यह भी बताया कि भारतीय संसद के पास लोक सभा सचिवालय में संसदीय अध्ययन और प्रशिक्षण ब्यूरो ( बीपीएसटी ) के रूप में क्षमता विकास केंद्र भी है, जो भारत और विभिन्न देशों के सांसदों और संसदीय अधिकारियों के लिए प्रबोधन और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करता है l उन्होंने बताया कि हाल ही में सेशल्स की नेशनल असेम्बली के लिए उनकी रूचि के अनुसार 2009 और 2013 में कार्यक्रम आयोजित किये गए थे l उन्होंने आगे कहा कि सेशल्स के कई संसदीय अधिकारीयों ने भारत की संसद की संसदीय प्रक्रिया और प्रणाली को समझने के लिए बी पी एस टी वार्षिक संसदीय प्रशिक्षु कार्यक्रम में भी भाग लिया था तथा अपने अनुभव भी साझा किये थे l

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