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मप्र में छह माह की टैक्स माफी, भाड़ा वृद्धि के बाद ही दौड़ेंगी बसें

 

[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]कीर्ति राणा[/mkd_highlight]

 

मध्यप्रदेश । एक से दूसरे शहर के बीच यात्री बसें प्रारंभ करने के निर्देश राज्य सरकार ने दे दिए हैं। 30 जून केबाद एक से दूसरे राज्य के बीच भी बसें शुरु हो सकती हैं। सरकार के इन निर्देशों का यात्री बस संचालक तबतक पालन करने के मूड में नहीं है जब तक मप्र सरकार छह माह का टैक्स माफ करने के साथ ही यात्री बसकिराए में डेढ़ गुना वृद्धि की घोषणा न करे।8जून को इंदौर आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से निजी बससंचालक इन्हीं मांगों को लेकर मिले भी थे, टैक्स माफी का आश्वासन भी मिला था लेकिन हुआ कुछ नहींजबकि भाजपा और कांग्रेस शासित अन्य राज्यों ने टैक्स माफी की घोषणा कर दी है।

महामारी कोरोना से मप्र भी अछूता नहीं रहा है।सरकार द्वारा जारी रोकथाम के सख्त निर्देशों का पालन करानेके लिए कलेक्टर इंदौर के निर्देश पर 22 मार्च से ही राज्य के अंदर और अन्य राज्यों के बीच चलने वाली बसोंका संचालन बंद कर दिया गया था।करीब तीन महीने बाद अब सरकार ने इंटर सिटी बसों के संचालन कीअनुमति दी है लेकिन विभिन्न संभागों के बीच बस संचालित करने वाले ऑपरेटर्स पहले टैक्स माफी की घोषणासुनना चाहते हैं, फिर संचालन करेंगे।

मप्र बस ऑपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण गुप्ता (हंस ट्रेवल्स) और प्रदेश सचिव हरि दुबे (इंटर सिटीट्रेवल्स) का कहना है मुख्यमंत्री चौहान को परेशानी बताई थी वे टैक्स माफी की मांग पर सहमत भी दिखेलेकिन एक सप्ताह होने के बाद भी कुछ नहीं हुआ है। इस व्यवसाय से हजारों परिवार जुड़े हैं, सरकार कोतत्काल घोषणा करना चाहिए, अन्य कई राज्य तो कर भी चुके हैं। मप्र से कुल 34 हजार बसों का संचालन होरहा है, इनमें 20 हजार इंटर स्टेट और 14 हजार बसों का इंटर सिटी संचालन होता है।सभी बस मालिकप्रतिमाह कुल 75 करोड़ रुपया टैक्स जमा कराते रहे हैं। सचिव हरि दुबे का कहना था सरकार के निर्देश परतीन माह से बसें खड़ी हैं तो तीन माह का टैक्स माफ करने के साथ ही तीन माह (कुल छह माह) का टैक्स माफकरे, इस रियायत से ही फिर से बसें चलाने की हिम्मत पैदा हो सकेगी।

-इसलिए चाहते हैं टैक्स रियायत

बस ऑपरेटर एसो के प्रदेश उपाध्यक्ष नासिर खान (सिटी लिंक) का कहना है टैक्स में कुल छह माह की माफीइसलिए चाहते हैं कि अब जब संचालन शुरु करेंगे तो कोरोना गाइड लाइन का पालन अनिवार्य रहेगा। यानीइंटरस्टेट बस में 30 स्लीपर सीट के बदले अब 15 सीटें ही बुक कर सकेंगे।इसी तरह 52 सीटर बस मेंफिजिकल डिस्टेंस के तहत सिर्फ 26 यात्री ही बैठाने होंगे।ऐसे में बस संचालन तो घाटे का सौदा ही साबितहोगा।उसकी पूर्ति के लिए किराए में पतास प्रतिशत वृद्धि भी जरूरी है।

इंदौर-राजस्थान के बीच बसें संचालित करने वाले अशोक धारीवाल (गगन ट्रेवल्स) की पीड़ा है विमान सेवा मेंतो सीट खाली छोड़ने वाले नियम में रियायत दी जा सकती है तो लंबी दूरी की बसों में क्यों नहीं।राजस्थान केपरिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का भी धारीवाल ने आभार व्यक्त किया है जिन्होंने मंगलवार की शामनिजी बसों का तीन माह का टैक्स पूरी तरह से माफ कर दिया गया है। साथ ही वहीं जुलाई में 75%, अगस्त में50% और सितंबर में 25% टैक्स में छूट दी जाएगी।

-मांगे मंजूर न होने तक बसों का संचालन नहीं करेंगे

बस ऑपरेटर एसो के प्रदेश अध्यक्ष अरुण गुप्ता ने साफ शब्दों में कहा मप्र के बस संचालक छह माह की टैक्समाफी के साथ ही वर्तमान भाड़े में 50 प्रतिशत (कुल डेढ़ गुना) वृद्धि के बाद ही बसों का संचालन करेंगे। यहइसलिए भी जरूरी है कि डीजल के भाव भी कमर तोड़ रहे हैं। बायोडीजल लंबी दूरी में सफल नहीं, ई बसें भीनहीं चला सकते क्योंकि दूरी वाले मार्गों में चार्जिंग सेंटर हैं ही नहीं।अधिकांश बस मालिकों ने बैंक फायनेंस परबसें ले रखी हैं।बैंकों नें तीनमहीनों की किश्तों में सिर्फ इतनी रियायत दी है कि एक साल के बदले पंद्रह महीनेमें जमा करा सकते हैं लेकिन बैंकें ब्याज तो पूरा वसूलेंगे ही।इंतजार है कि मुख्यमंत्री अपना वादा पूराकरेंगे।’बोकी’ (बस ऑपरेटर कॉंफेडरेशन ऑफ इंडिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रसन्ना पटवर्धन केंद्रीय मंत्री नितिनगडकरी से भी चर्चा कर रहे हैं क्योंकि हमारी बसों का परिवहन देश के सभी राज्यों में है।

-टैक्स माफी की स्थिति

कोरोना के चलते बस परिवहन बंद रहने और संचालकों की परेशानी समझते हुए गुजरात सरकार ने 6माह का, उड़ीसा ने 3 माह, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड ने 3से 4 महीने का टैक्स माफ करने के साथ ही बसों केबीमे में भी तीन माह का एक्सटेंशन देने की घोषणा की है।

भाड़ा वृद्धि होने पर: अभी इंदौर से मुंबई का नॉन एसी किराया 700 रु है तो पचास प्रश बढ़कर 1150, एसी काकिराया 900 से बढ़कर 1350 हो जाएगा। यह किराया वृद्धि ट्रेन के किराए के मुकाबले अधिक होने से भी बसपरिवहन कारोबार प्रभावित होगा।

 

“राज्य और राज्य के बाहर बसें संचालित करने वाले मालिक टैक्स माफी की मांग कर रहे हैं। इस मामले मेंपरिवहन आयुक्त कार्यालय अपने स्तर पर निर्णय नहीं ले सकता। टैक्स माफी, किराया वृद्धि आदि के मामलेमें केबिनेट में ही निर्णय होगा। फिलहाल प्रदेश के आरटीओ कार्यालय में ऑनलाइन वर्किंग के साथ ही विभिन्नसंभागों के बीच कोरोना गाइड लाइन के पालन के साथ बस परिवहन के निर्देश जारी किए गए हैं।”

-वी मधुकुमार बाबू आयुक्त परिवहन विभाग

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