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8 घंटे में देखिये 8 ग्रहो को एक साथ,कब होगी य​ह अद्भुत खगोलीय घटना

 

[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]सारिका घारू[/mkd_highlight]

 

कोरोनाकाल में जब आमतौर पर परिवार के सभी सदस्य घरों में एक साथ हैं तब आठ अगस्त से सूर्य परिवार के सदस्य भी रात्रि आकाश में एक साथ होंगे । रात्रि 9 बजे के बाद की लगभग 8 घंटे की एक ही रात्रि में पृथ्वी के उपग्रह सोम चंद्रमा के साथ आठ ग्रह मंगल, बुध, गुरू, शुक्र एवं शनि के दर्शन के बाद सूर्योदय होते ही रवि सूर्य के दर्शन किये जा सकते हैं।

360 डिग्री में चक्कर लगाने वाले ग्रहों के सामने वर्तमान में पृथ्वी इस स्थिति में है कि शाम को सूर्यास्त की लालिमा समाप्त हाने के बाद आकाश में सिर के उपर सबसे विशाल ग्रह बृहस्पति और रिंग वाला सुंदर ग्रह शनि दर्शन देने लगते हैं। रात्रि 9 बजे नेप्च्यून उदित हो रहा है। लाल ग्रह मंगल रात्रि 11 बजे आकाश में आ रहा है तो मध्यरात्रि 12 बजे यूरेनस की आकाश में एंट्री होगी। रात्रि 3 बजे के सन्नाटे में सबसे चमकीला ग्रह शुक्र पूर्व दिशा से उदित हो रहा है तो सूर्योदय से कुछ मिनिट पहले 5 बजे सौर परिवार का पहला ग्रह बुध आकाश में देखा जा सकता है। इन ग्रहो के साथ पृथ्वी का उपग्रह चंद्रमा 8 अगस्त रात्रि 10 बजे उदित होकर इन ग्रह परिवार का साथ दे रहा है।
सप्ताह के सात दिनों के नाम वाले ये खगोलीय पिंडों का एक ही रात्रि में दर्शन हमेशा संभव नहीं होता हैं क्योंकि ये ग्रह सूर्य की परिक्रमा अपनी गति से करते हुये कई बार इस स्थिति में होते हेैं कि वे दिन के आकाश में सूर्य के साथ रहते हैं। सूर्य के कारण उन्हें नहीं देखा सकता है।
यूरेनस और नेप्च्यून को तो देखने के लिये टेलिस्कोप की जरूरत होगी लेकिन बाकी खगोलीय पिंड कोरी आंखों से देखे जा सकते है। अगर आठ अगस्त को आकाश में बादल रहे तो निराश मत हाईये, इन खगोलीय पिंडों के एक साथ दिखने की स्थिति आने वाले सप्ताह तक रहेगी।

-कब क्या देंखें-

सूर्यास्त के बाद लगभग 7ः30

गुरू जुपिटर – 7ः30 से लगभग 4 बजे तक
शनि सेटर्न – 7ः30 से लगभग 4ः30 बजे तक
नेप्च्यून – रात्रि 9 से सूर्यादय तक
मंगल मार्स – रात्रि 11 बजे
यूरेनस – रात्रि 12ः30 बजे
शुक्र वीनस – रात्रि 3 बजे से सूर्यादय तक
बुध मरकरी – प्रातः 5 से सूर्यादय तक
चंद्रमा मून – रात्रि 10 बजे से सूर्यादय तक

8 अगस्त को बाद वह प्रतिदिन 50 मिनिट देर से उदित होगा

 

 

 ( लेखिका नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक है )

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