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अब संघ परखेगा सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड

रायपुर। केंद्र की मोदी सरकार के कामकाज को परखने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पुणे में पांच दिवसीय मंथन 17 से 21 अप्रैल तक चलेगा। इस मंथन शिविर में संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। मिशन 2019 से पहले संघ के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों और चुनावी राज्यों के संघ के प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक को काफी अहम माना जा रहा है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की मौजूदगी में होने वाली इस बैठक में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव पर भी फोकस किया जाएगा।

रणनीति होगी तैयार संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में हुई चूक और बेहतर काम का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी मोदी सरकार की योजनाओं का राज्यों में कितना अमल हुआ।

भाजपा सरकार ने 2014 में किए कितने वादों को पूरा किया। साथ ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव में किन-किन मुद्दों को लेकर छत्तीसगढ़ के मैदान में उतरा जाएगा, इसकी पूरी रणनीति तैयार होगी।

संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बताया कि बस्तर से लेकर सरगुजा तक केंद्र की योजनाओं की सफलता और असफलता को लेकर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसमें केंद्र की प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना से लेकर अन्य योजनाओं की रिपोर्ट तो शामिल रहेगी, साथ ही यह भी बताया जाएगा कि केंद्र में मोदी की सरकार बनने के बाद आदिवासियों, अनुसूचित जाति- जनजाति और युवाओं के जीवन में क्या बदलाव आया।

जीएसटी और नोटबंदी के बाद कारोबार पर क्या असर पड़ा, इसकी भी समीक्षा की जाएगी। पुणे में चलने वाले पांच दिवसीय सत्र में छत्तीसगढ़ प्रांत के पदाधिकारियों का प्रजेंटेशन भी होगा, जिसमें चुनावी रणनीति पर मंथन होगा।

नक्सलवाद पर भी होगी चर्चा

संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि संवाद शिविर में बस्तर के नक्सलवाद पर विशेष चर्चा होगी। संघ भी बस्तर में नक्सलवाद को खत्म करने, गांव के विकास, गौसंवर्धन और जैविक खेती सहित अन्य मुद्दों पर काम कर रही है। इसके बेहतरीन प्रयोगों की भी केंद्रीय पदाधिकारियों को जानकारी दी जाएगी।

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