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सालभर की कमाई में कटा ज्यादा टैक्स, ऐसे पाइए वापस

रायपुर। नौकरीपेशा लोगों के वेतन से टीडीएस की कटौती की जाती है। हालांकि आमतौर पर नौकरी करने वाले लोग यह बात नहीं जानते हैं कि उनके वेतन से कितना टीडीएस कटा और कब-कब काटा गया। अगर गलती से कट गया है तो इसे कैसे वापस पा सकते हैं?

नईदुनिया अपनी इस खबर के जरिए आपको इन सवालों का जवाब दे रहा है। टैक्स एक्सपर्टों का कहना है कि टीडीएस ज्यादा काटे जाने या गलती से काटे पर आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। यह आपको रिफंड जाएगा, लेकिन इसके लिए कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा।

क्या होता है फॉर्म 26एस: फॉर्म 26एस एक ऐसा दस्तावेज है, जिसमें आपके वेतन से स्रोत पर हुई कर कटौती की पूरी जानकारी होती है। यह एक टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट है, जो बताता है कि आयकर विभाग को आपकी तरफ से कितने टैक्स का भुगतान किया गया है। आप इस फॉर्म को आयकर विभाग की वेबसाइट पर अपने एकाउंट में लॉग-इन कर देख सकते हैं।

इस प्रकार देखे फॉर्म 26एस- साइट पर बाईं ओर नीचे की तरफ आपको यानी क्विक लिंक वाले कॉलम में आपको व्यू फॉर्म 26एस दिखेगा। इस पर क्लिक करते ही आपके सामने एक पेज ओपन होगा, जिसमें आपका अपना यूजर आईडी (आपका पैन नंबर और पासवर्ड (आपकी डेट ऑफ बर्थ) डालना होगा, इसके बाद आपको कैप्चा भरना होगा। इतना करने के बाद सबमिट कर दें। आपके मोबाइल नंबर में एक ओटीपी भेजा जाएगा। इसको एंटर कराएं। इसके बाद आपके सामने एक नया पेज ओपन होगा। इसके बाद आपके सामने नया पेज ओपन होगा।

यहां पर आपको सबसे ऊपर माई डैशबोर्ड का ऑप्शन दिखेगा इसके ठीक बगल में माई अकाउंट के पहले ऑप्शन पर व्यू फॉर्म 26एस (टैक्स क्रेडिट पर क्लिक करें) इसके बाद आपके सामने एक नया पेज ओपन होगा। यहां पर आप सबसे नीचे दिए दो ऑप्शन में से 26एस पर क्लिक करें।

इतना करते ही आपके टीडीएस कटौती संबंधी सारी जानकारी आपके सामने होगी। बस आपको यहां पर असेसमेंट इयर भरना होगा।

कंपनी ने आपके वेतन से काट लिया है तो ऐसे आएगा वापस

वित्त वर्ष के आखिर में कंपनियों की ओर से आपके निवेश के दस्तावेज मांगे जाते हैं, लेकिन अगर किसी कारणवश आप ये दस्तावेज तय समय तक नहीं दे पाते हैं और इस सूरत में अगर कंपनी आपकी सेलरी से टीडीएस काट लेती है तो भी आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। इस कटौती के बाद भी आपके पास एक रास्ता बचता है, जिसके जरिए आप अपने कटे हुए टीडीएस के हिस्से को वापस पा सकते हैं।

टैक्स एक्सपर्ट आयकर रिटर्न फाइलिंग के दौरान अगर आप अपनी निवेश की गई राशि को रिटर्न में बताते हैं तो यह रिफंड के तौर पर आपके पास वापस आ जाता है। निवेश की गई राशि सिर्फ आपके खुद के लिए ही होनी चाहिए, किसी और के लिए नहीं। सीधे तौर पर वह आपकी ही इन्वेस्टमेंट होनी चाहिए, आपकी पत्नी या बच्चों की नहीं।

इन मदों में टीडीएस काटा जाता है

लॉटरी में 10,000 रुपये तक और हॉर्स रेस में 5000 रुपये तक की राशि टीडीएस कटौती से मुक्त है। अगर कमाई इससे ज्यादा होती है तो उस पर 30 फीसद की दर से टीडीएस कटौती होगी।

आपके वेतन से टीडीएस कटने की जानकारी अब एसएमएस से मिलेगी

बैंक अकाउंट पर 10 फीसद टीडीएस की कटौती तभी की जाती है जब फिक्स्ड डिपॉजिट और सेविंग बैंक अकाउंट से सालाना 10, 000 रुपये तक का ब्याज मिलता है। यह दर 10 फीसद होती है। मकान किराए से मिलने वाली आय पर 10 फीसद अगर आपकी आपके मकान से होने वाली आय सालाना 1.8 लाख से कम है तो आपकी इस आय पर टीडीएस की कटौती नहीं होगी। इससे अधिक होने पर आपकी इस तरह की आय पर 10 फीसद की टीडीएस कटौती होगी।

प्रॉपर्टी बेचने पर एक फीसद: अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में 20 लाख तक की कोई प्रॉपर्टी बेचते हैं तो आपकी इस आमदनी पर टीडीएस की कटौती नहीं होगी। वहीं अगर आप शहर में 50 लाख तक की प्रॉपर्टी बेचते हैं तो भी आपकी इस आय पर टीडीएस कटौती नहीं होगी। आमदनी इससे ऊपर होने पर आपको 1 फीसद की दर से टीडीएस कटवाना होगा।

सोने और चांदी की खरीद में एक फीसद: अगर आप दो लाख से ऊपर का सोना या चांदी कैश देकर खरीदते हैं तो विक्रेता आपके इस भुगतान में टीडीएस की कटौती करेगा।

डिबेंचर से होने वाली कमाई पर 10 फीसद: जुलाई 2012 से डिबेंचर में किए गए निवेश से मिलने वाले ब्याज पर 5,000 रुपये तक की ही छूट है यानी इतनी राशि पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा। इससे ऊपर की कमाई पर 10 फीसद की दर से टैक्स काटा जाएगा।

नेशनल सेविंग स्कीम में 20 फीसद: अगर आपने नेशनल सेविंग स्कीम में निवेश कर रखा है तो आपको मिलने वाले भुगतान में सिर्फ 2,500 तक की राशि की टीडीएस कटौती से छूट के दायरे में आएगी। इससे ऊपर की आय पर आपको 20 फीसद की दर से टीडीएस कटवाना होगा।

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