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देशभर में केंद्र के अस्पतालों में 12 घंटे ओपीडी चलाने की तैयारी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पायलट परियोजना के तौर पर सबसे पहले इसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लागू करने का मन बनाया है।
नई दिल्ली। देश भर में मरीजों की बढ़ती भीड़ के मद्देनजर केंद्र के अस्पतालों में प्रतिदिन 12 घंटे ओपीडी (आऊट पेशेंट डिपार्टमेंट) चलाने की तैयारी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पायलट परियोजना के तौर पर सबसे पहले इसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लागू करने का मन बनाया है। इस बाबत अस्पताल प्रशासन को विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर भेजने के लिए कहा गया है।
मंत्रालय के निर्देश पर सफदरजंग अस्पताल प्रशासन ने चार विभागों मेडिसिन, पीडियाट्रिक, गायनी व जनरल सर्जरी की ओपीडी 12 घंटे चलाने के लिए मंथन शुरू कर दिया है। साथ ही संबंधित विभागों से इस प्रस्ताव पर राय मांगी है। चारों विभागों ने सहमति दे दी और यह योजना परवान चढ़ी तो निजी अस्पतालों की तर्ज पर सरकारी अस्पतालों में भी सुबह आठ से रात आठ बजे तक ओपीडी में मरीजों का इलाज हो सकेगा। इससे अधिक से अधिक मरीजों को चिकित्सा सुविधा मिल पाएगी।
सफदरजंग अस्पताल प्रशासन ने चारों विभागों के विभागाध्यक्षों से पूछा है कि क्या मौजूदा संसाधनों से 12 घंटे की ओपीडी सेवा शुरू की जा सकती है। हालांकि योजना को लेकर डॉक्टरों को आशंका है कि उन पर काम का बोझ बढ़ेगा। इसलिए डॉक्टर इस योजना पर सवाल खड़े कर रहे हैं। ऐसे में मंत्रालय को डॉक्टरों व पैरामेडिकल कर्मचारियों का विरोध झेलना पड़ सकता है।
वर्तमान समय में केंद्र सरकार के अस्पतालों में सुबह नौ से दोपहर करीब दो बजे तक ओपीडी होती है। सुबह में एक साथ सभी मरीजों के अस्पताल पहुंचने से काफी भीड़ हो जाती है। मरीजों को पंजीकरण से लेकर जांच तक के लिए लंबी लाइनों से होकर गुजरना पड़ता है।
अस्पतालों में इतनी भीड़ के बावजूद दोपहर दो बजे के बाद ओपीडी बंद हो जाती है। सिर्फ कुछ विभागों में विशेष क्लीनिक की ओपीडी चलती है। इसलिए मंत्रालय के अधिकारियों की सोच है कि सुबह आठ से रात आठ बजे तक ओपीडी चलने से मरीजों को राहत मिलेगी और उपलब्ध बुनियादी ढांचे का पूरा इस्तेमाल हो सकेगा।
सामान्य तौर पर मेडिसिन, गायनी, पीडियाट्रिक व सर्जरी विभाग में मरीज ज्यादा पहुंचते हैं। इसलिए सफदरजंग अस्पताल में पहले इन्हीं विभागों की ओपीडी सुबह आठ बजे से रात 12 बजे तक चलाने का प्रस्ताव है।
वहीं दूसरी और सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर कहते हैं कि वर्तमान समय में डॉक्टरों व पैरामेडिकल कर्मचारियों की कमी है। इसलिए इस पर अमल संभव नहीं है। हालांकि कुछ डॉक्टर कहते हैं कि योजना अच्छी है यदि सही तरीके से इसे लागू किया गया तो मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होगी

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