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बंगाल में हिंसा पर राजनीति

 

— दिल्ली में अमित शाह की प्रेस कांफ्रेंस,कोलकता में ममता दीदी का पैदल मार्च

पश्चिम बंगाल। कोलकता में हुई हिंसा के बाद बुधवार को राजनीति तेज हो गई। लोकसभा चुनाव के अंतिम दौर में भारतीय जनता पार्टी बंगााल में दम लगा रही है। वहीं बंगााल में सत्तारूढ पार्टी टीएमसी अपना वर्चास्व कम नहीं होने देना चाहती है। दोना ही दलों कोलकता की हिंसा का लाभ अपने पक्ष में करने के लिए चाल चल रहे है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर बंगाल में हिंसा के लिए ममता दीदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया उन्होंने टीएमसी को गुंडो की पार्टी भी कहा। इधर कोलकता में सीएम ममता बनर्जी ने विरोध पैदल मार्च निकालकर बंगाल की अस्मिता बचाने की अपील लोगो से की है। वहीं दिन भर दोनो दलों के नेता सिर्फ बंगाल की हिंसा पर बयान देते रहे।

बुधवार को बंगाल की हिंसा को लेकर बीजेपी और टीएमसी ने अपनी अपनी चालें चली। जहां बीजेपी ने इसी लोकतंत्र की हत्या बता कर लोगो को अपनी तरफ करने की कोशिश की,वहीं ममता बनर्जी ने बंगाल को एक करने के लिए विरोध मार्च निकालकर राजनीति की समझ का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि बंगाल की अस्मिता खतरें में है,बंगालियों को एक होकर बाहरी लोगो से मुकबला करना हैं। विरोध पैदल मार्च के बहाने ममता बनर्जी ने मतदाता के बंगाल प्रेम जगाने के प्रयास किए है और बीजेपी को बाहर का बता दिया। बंगाल की हिंसा को व्यापक रूप से बताने और उसका प्रचार करने के पीछे बीजेपी का मकसद लोकसभा चुनाव 2019 का अंतिम चरण में लाभ लेना है।

गौरतलब है कि मंगलवार को कोलकता में अमित शाह के रोड शो के दौरान बीजेपी और टीएमसी के कार्यकताओं के बीच जमकर मारपीट हुई। इसी दौरान आगजनी भी की गई। मारपीट में दोनो दल के कई कार्यकर्ता घायल हो गए। इस हिंसा के बाद टीएमसी और बीजेपी ने एक दूसरे पर आरोप लगाने शुरू कर दिया था।

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