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पीएम ने कहा- मर्यादा और अनुशासन कोरोना की जंग में सबसे कारगर हथियार, मोदी की परीक्षा लेकर गया नवरात्र

नई दिल्ली। यूं तो पिछले लगभग 40 वर्षो से साल के दोनों नवरात्रों में व्रत का पालन करते रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस कालखंड में भी कई अनुभव किए होंगे लेकिन रामनवमी के साथ खत्म यह नवरात्र उनके धैर्य, संयम और परिश्रम की खास परीक्षा लेकर गया।

पीएम मोदी दोनों नवरात्रों में फलाहार करते हैं और नींबू पानी पीते हैं

दरअसल इसी दौरान कोरोना भारत के लिए न सिर्फ अब तक की सबसे बड़ी आपदा बनकर टूटा और वह लगातार समीक्षा और निगरानी के साथ इसे थामने में जुटे रहे। बल्कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के रूप में राजनीतिक मोर्चे पर भी वह पार्टी के लिए सबसे कठिन लड़ाई जीतने की कोशिश में जुटे रहे। पूरे नौ दिन के व्रत में वह सिर्फ एक बार फलाहार करते हैं और नींबू पानी पीते हैं। वह साल में आने वाले दोनों नवरात्रों पर पूरा व्रत रखते हैं।

मर्यादा और अनुशासन कोरोना की जंग में सबसे कारगर हथियार: पीएम मोदी

रामनवमी के दिन देश को शुभकामना देते हुए प्रधानमंत्री ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम की याद दिलाते हुए मर्यादा और अनुशासन के पालन को कोरोना की जंग में सबसे कारगर हथियार बताया। एक दिन पहले भी देश के नाम संबोधन में उन्होंने बार-बार कोरोना प्रोटोकाल की याद दिलाई थी और दवाई के साथ कड़ाई की बात कही थी। पिछले दिनों में विपक्षी दलों की ओर से कोरोना प्रबंधन को लेकर फिर से हमला भी तेज हो गया है, लेकिन प्रधानमंत्री ने संयम बनाए रखा।

भारत पूरी सक्षमता के साथ लड़े: मोदी

12 अप्रैल के बाद कोरोना की तेज गति को देखते हुए उन्होंने पिछले दिनों में डॉक्टर, दवाई उद्योग, वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों, मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक कर यह दुरुस्त किया कि भारत पूरी सक्षमता के साथ लड़े।

भाजपा के लिए लंबे अरसे तक बंजर रहे पश्चिम बंगाल में मोदी ने कमल खिलने की संभावना जगा दी

बताते हैं कि व्रत के दौरान भी वह लगातार देर रात तक ऑक्सीजन की आपूर्ति से लेकर वैक्सीन के उत्पादन तक की अंतिम जानकारी लेने के बाद ही सोने जाते हैं। अगर राजनीतिक मोर्चे की बात हो तो भाजपा के लिए लंबे अरसे तक बंजर रहे पश्चिम बंगाल में उन्होंने इस बार कमल खिलने की संभावना जगा दी।

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