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कोरोना संकट के बीच पीएम मोदी ने बाइडन से फोन पर की बात, जानें किन मसलों पर हुई चर्चा

नई दिल्ली। अमेरिका 24 घंटों के भीतर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जिस तरह भारत की मदद के लिए आगे आया है वह अभूतपूर्व है। भारत को वैक्सीन निर्माण में कच्चे माल से लेकर आक्सीजन प्लांट देने के फैसले के एक दिन बाद राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच टेलीफोन पर लंबी बात हुई। बाइडन ने मोदी को आश्वस्त किया कि अमेरिका भारत को महामारी से लड़ाई में हरसंभव मदद करने जा रहा है। वह न केवल वैक्सीन देगा बल्कि और भी जो आपूíत होगी वह निर्बाध होगी।

भारत को वैक्‍सीन भी देगा अमेरिका

भारत को वैक्सीन निर्माण में कच्चे माल की आपूर्ति करने के बाद अमेरिका ने संकेत दिया है कि वह तैयार वैक्सीन भी भारत को देने जा रहा है। पीएम मोदी ने भी बेहद जरूरी मदद हासिल होने पर राष्ट्रपति बाइडन को कोटिश: धन्यवाद दिया है।

अधिकारियों को दिए ये निर्देश

दोनो नेताओं के बीच हुई वार्ता के बारे में विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन व दवा निर्माण में जरूरी कच्चे माल की आपूर्ति को बेहद जरूरी बताया है। वैक्सीन निर्माण में सहयोग के तमाम पहलुओं पर दोनों नेताओं के बीच बात हुई है। दोनों ने अपने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो आपस में संपर्क व सहयोग बनाये रखें।

पेटेंट व्यवस्था को खत्म करने पर भी चर्चा

पीएम मोदी ने राष्ट्रपति को वैक्सीन व दवाइयों की पहुंच आसान करने व निर्माण तेज करने के लिए इनके निर्माण से जुड़ी पेटेंट व्यवस्था को खत्म करने को लेकर भारत की कोशिशों के बारे में भी बताया है। बाइडन ने मोदी को आश्वस्त करते हुए कहा है कि कोविशील्ड वैक्सीन के निर्माण में जरूरी कच्चे माल की पहचान का काम शीघ्रता से किया जाएगा।

वैक्सीन का निर्यात करेगा अमेरिका

उधर, अमेरिका की तरफ से एलान किया गया है कि कोरोना के लिए तैयार एस्ट्राजेनेका कंपनी की वैक्सीन के छह करोड़ डोज अगले कुछ महीनों में निर्यात करेगा। अभी तक अमेरिका ने कोरोना के इलाज के लिए जरूरी दवाओं व वैक्सीन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है लेकिन भारत को वैक्सीन निर्माण के लिए इसे खोलने की घोषणा की गई है।

दुनिया के बाकी मुल्‍कों को भी मदद

माना जा रहा है कि इन छह करोड़ डोज का एक बड़ा हिस्सा भारत को मिल सकता है। हाल ही में अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको को एस्ट्राजेनेका की तरफ से निर्मित वैक्सीन के 40 लाख डोज देने की घोषणा की है। उल्लेखनीय तथ्य यह है कि दुनिया के कई देशों में एस्ट्राजेनेका का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है लेकिन अमेरिका में उसे आवश्यक मंजूरी नहीं मिली है।

मदद के लिए बाइडन का धन्‍यवाद

पीएम मोदी ने खुद इस बातचीत की जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन के साथ आज एक सार्थक बातचीत हुई। हमने दोनों देशों में कोरोना के हालात पर विस्तार से चर्चा की। मैंने भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा दी जा रही मदद के लिए राष्ट्रपति बाइडन को धन्यवाद दिया।

वैक्‍सीन और दवाओं की आपूर्ति पर बात

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति के साथ टेलिफोन पर हुई बातचीत का ब्‍यौरा साझा करते हुए कहा कि जो बाइडन के साथ वार्ता में कोविड वैक्‍सीन के लिए कच्‍चे माल और दवाओं की सरल आपूर्ति की श्रृंखला के महत्व को भी रेखांकित किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच स्वास्थ्य सेवा साझेदारी कोरोना महामारी की वैश्विक चुनौती का समाधान कर सकती है।

मिलकर करेंगे काम

उधर व्‍हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका और भारत कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक साथ मिलकर काम करेंगे। अमेरिका मौजूदा वक्‍त में भारत को आपातकालीन सहायता प्रदान कर रहा है। इसमें ऑक्सीजन से संबंधित आपूर्ति, वैक्सीन सामग्री और चिकित्सीय सामग्री शामिल हैं।

अमेरिका से एक सुर में मदद के लिए उठी आवाज

मालूम हो कि अमेरिका ने रविवार को भारत को वैक्सीन के कच्चे माल की आपूर्ति का भरोसा दिया था। इस एलान के 24 घंटे के भीतर ही वहां से ऑक्सीजन प्लांट और दूसरे उपकरणों की पहली खेप सोमवार को भारत पहुंच गई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, रक्षा सचिव लॉयड आस्टिन, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन समेत तमाम आला अधिकारियों ने भारत को मदद का भरोसा दिया है।

भारत की मदद को बाइडन ने किया याद

बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कोरोना की पहली लहर में भारत की ओर से की गई मदद को याद किया। उनका कहना था कि कोरोना संकट में जिस तरह भारत ने हमारी मदद की ठीक उसी तरह हम भी संकट में फंसे अपने मित्र देश की मदद करेंगे। मालूम हो कि भारत ने एक साल पहले अमेरिका को हाइड्रॉक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन की बड़ी खेप उपलब्‍ध कराने के साथ ही जरूरी उपकरणों से भी मदद पहुंचाई थी।

संयुक्‍त राष्‍ट्र में दुनिया के सामने दिया मदद भरोसा

इस मुश्किल वक्‍त में अमेरिका ने जिस तरह से भारत की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है वह कई मायने में एतिहासिक भी है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत ने सोमवार को कहा कि उनका मुल्‍क भारत की मदद के लिए 24 घंटे काम करेगा। उन्‍होंने बताया कि अमेरिका टीकों के लिए कच्‍चा माल वेंटिलेटर, ऑक्सीजन उत्पादन आपूर्ति और टीकाकरण विस्तार के लिए वित्तीय मदद समेत हर तरह की मदद उपलब्ध कराने पर काम कर रहा है।

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