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दावोस में दिखेगा पीएम मोदी का CEO वाला रूप, दुनिया को बताएंगे भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत

रीमा पाराशर, नई दिल्ली: किसी मंजे हुए अनुभवी सीईओ की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्लूईएफ) में भारत का डंका बजाने को तैयार हैं. पीएम मोदी जीएसटी पारित कराने के बाद दावोस (स्विट्जरलैंड) में होने वाली सालाना बैठक में रिफार्मिस्ट यानी सुधारवादी छवि के साथ अर्थव्यवस्था की नई संभावनाओं को खंगालेंगे. पीएम 23 जनवरी, 2017 को फोरम की बैठक में उद्घाटन भाषण देंगे. दुनिया भर के निवेशकों के बीच भारत की जोरदार ब्रांडिंग करने के लिए मोदी के साथ पांच बड़े केंद्रीय मंत्रियों का भी दल भी होगा.

भारत के लिए संभावनाएं तलाशेंगे पीएम
भारतीय उद्योग जगत के दिग्गज भी इसमें हिस्सा लेंगे जो भारत की निवेश अनुकूल छवि पेश करेंगे. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मंच पर दो दशक में पहली बार भारत की विकास संभावनाओं को दुनिया के सामने रखने की कमान सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ होगी. मोदी सरकार जहां अपने आर्थिक सुधारों को फोकस करेगी वहीं, आर्थिक जगत के इस महाकुंभ में मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, इन्वेस्ट इंडिया, समेत योजनाओं के साथ भारत को एक आकर्षक निवेश डेस्टिनेशन के तौर पर भी पेश करेगी. टीम मोदी भारत में साझेदारी और कारोबार की संभावनाओं का उजला चेहरा सामने रखेगी.

60 देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच भारत को पेश करेंगे पीएम
दावोस में होने वाली डब्लूईएफ की यह बैठक अभी दुनिया में आर्थिक गतिविधियों का सबसे बड़ा केंद्र है. इस दफा 60 देशों के राष्ट्राध्यक्ष इसमें हिस्सा लेंगे, जबकि 350 अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक नेता भी इसमें हिस्सा लेंगे. हर देश इस सम्मेलन के जरिए अपनी निवेश अनुकूल छवि पेश करने की कोशिश करता है. पिछले साल पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने की थी. इसके पहले साल 1996 में तत्कालीन पीएम एचडी देवेगौड़ा ने दाओस में हिस्सा लिया था.

मंत्रियों की टीम के साथ जाएंगे पीएम मोदी
अब दूसरी बार कोई भारतीय पीएम इसमें हिस्सा लेंगे. उनके साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली, उद्योग व वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु, रेल मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पीएमओ में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर भी हिस्सा लेंगे. दरअसल, पीएम मोदी के वहां होने की वजह से भारत को बेहतर और संभावनाओं वाले निवेश स्थल के तौर पर स्थापित करने में मदद मिलेगी.

स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति से द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे पीएम
ख़ासकर जीएसटी पारित होने के बाद आर्थिक सुधार कैसे फ़्रंट सीट पर आ गए हैं, ये तथ्य भी भारतीय पक्ष दुनिया के सामने मजबूती से रखेगा. भारतीय दल 11 देशों के प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेगी. जबकि मोदी कैबिनेट के तमाम मंत्री 25 विभिन्न सत्रों को संबोधित करेंगे.

पीएम मोदी की दावोस में स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बरसेट के साथ द्विपक्षीय मुलाकात भी होगी. इसमें वित्त मंत्री जेटली के अलावा अन्य वरिष्ठ मंत्रियों के भी शामिल होने की संभावना है. भारत और स्विट्ज़रलैंड के बीच कालेधन से जुड़ी सूचनाओं को साझा करना का नया समझौता हुआ है. इसके मुताबिक जल्द ही दोनों देश जल्द ही एक दूसरे को बैंकिंग से जुड़ी सूचनाओं को भी साझा करना शुरू करेंगे. इस लिहाज से यह बैठक अहम होगी.

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