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कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री मोदी का शंखनाद, कहा- एकजुट होकर लड़ें तो जीतेंगे

नई दिल्ली। ऑक्सीजन को लेकर कुछ राज्यों में चल रही तनातनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सभी के एकजुट प्रयास की अपील की है। संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि अगर एकजुट प्रयास हो तो देश में संसाधनों की कमी नहीं है। जाहिर तौर पर उन्होंने यह संदेश दिया कि हर राज्य एक दूसरे की जरूरत को समझें और कोरोना से लड़ाई में कोई राजनीतिक खींचतान न हो।

दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग

वहीं मुख्यमंत्रियों की ओर से ऑक्सीजन और अन्य जरूरी दवाइयों की सप्लाई सुनिश्चित करने की मांग की गई। खासतौर पर विपक्ष शासित मुख्यमंत्रियों ने राज्यों के लिए वैक्सीन की ज्यादा कीमत का मुद्दा भी उठाया। ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर मुख्यमंत्रियों को आश्वस्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन स्पेशल ट्रेनों और टैंकरों की एयर लिफ्टिंग कर ढुलाई के समय को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

पीएम मोदी ने जमाखोरी रोकने की सलाह

साथ ही प्रधानमंत्री ने राज्यों को ऑक्सीजन समेत अन्य जरूरी दवाइयों की कालाबाजारी और जमाखोरी रोकने की सलाह दी। उन्‍होंने कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार कोशिश जारी है और केंद्र के संबंधित मंत्रालय और विभाग इसपर काम कर रहे हैं।

समन्वय समिति बनाने की सलाह

प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों को विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता और जरूरत पर नजर रखने के लिए समन्वय समिति का गठन करना चाहिए। एक बार ऑक्सीजन का कोटा जारी हो जाने के बाद यह समिति जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन विभिन्न अस्पतालों तक पहुंचाने का काम देखेगी। दरअसल केंद्र केवल कोटा आवंटित कर रहा है। प्रदेश में इसकी आपूर्ति की व्यवस्था दुरुस्त करने की जिम्मेदारी राज्य प्रशासन की होती है।

राज्यों के बीच न हो तकरार

प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं के लिए विभिन्न राज्यों के बीच तकरार खत्म करने की अपील की। उन्होंने कहा कि एकजुट होकर ही संक्रमण के मौजूदा दौर से भी निपटा जा सकता है, जैसा कि इसके पहले दौर में देश ने कर दिखाया था।

ऑक्सीजन सप्लाई पर रोक के फैसले पर विचार हो : बघेल

सभी राज्यों की ओर से ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने की मांग की गई। वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उद्योगों को ऑक्सीजन पर रोक लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया। बघेल का कहना था कि इससे राज्य के कई उद्योगों के बंद होने का खतरा खड़ा हो गया है, जिससे लोगों का रोजगार छिन जाएगा।

दवाओं के उत्‍पादन का लाभ भी मिले : बघेल

बघेल का कहना था कि जिस तरह से छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त ऑक्सीजन उत्पादन का लाभ दूसरे राज्यों को दिया जा रहा है, वैसे ही कुछ राज्यों में केंद्रित जरूरी दवाओं के उत्पादन का लाभ भी सभी राज्यों को समान रूप से मिलना चाहिए। बघेल का इशारा गुजरात सरकार की ओर से रेमडेसिविर की सप्लाई प्रतिबंधित किए जाने की ओर था।

सेना के हवाले हों आक्सीजन उत्पादन इकाइयां : केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश के सभी ऑक्सीजन उत्पादक इकाइयों को सेना के हवाले करने और उनकी सप्लाई सेना की देखरेख में करने का सुझाव दिया। केजरीवाल का कहना था कि ऑक्सीजन की कमी के कारण राजधानी में कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पड़ोसी राज्यों में ऑक्सीजन टैंकर रोके जाने का मुद्दा भी उठाया।

उद्धव ने रेमडेसिविर आयात करने की इजाजत मांगी

गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ओर से वैक्सीन की कीमत का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया गया। ये राज्यों को भी केंद्र सरकार द्वारा खरीदी जा रही कीमत पर ही वैक्सीन की सप्लाई किए जाने की मांग की। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे में रेमडेसिविर की जरूरत पूरी करने के लिए इसके विदेश से आयात करने की इजाजत देने की मांग की।

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