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अब इंडोनेशिया जाएंगे पीएम मोदी, आर्थिक, सामरिक और धार्मिक डिप्लोमेसी पर होगा जोर

पीएम मोदी 29 से 31 मई तक इंडोनेशिया के दौरे पर जा रहे हैं. उनकी इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच ‘सामरिक साझेदारी’ को मजबूत करना है. लेकिन दुनिया के सबसे बड़ी मुस्लिम जनसंख्या वाले इस देश के दौरे में पीएम मोदी का जोर कई तरह की डिप्लोमेसी पर होगा. इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी पद्मनाभन मंदिर में रामायण बैले का प्रदर्शन देखेंगे, जिसमें सभी कलाकार मुस्लिम होंगे.

इंडोनेशिया का हाल में भारत के साथ राजनयिक संपर्क बढ़ा है. इंडोनेशिया भी भारत की तरह आतंकवाद से पीड़ित है. इसलिए पीएम मोदी के सामने यह मौका है कि इस महत्वपूर्ण मुस्लिम देश को भारत के साथ लाएं ताकि पाकिस्तान या कश्मीर के मसले पर मुस्लिम सहयोग संगठन (OIC) के देशों के मंच पर भारत की तरफदारी करने वाला कोई देश हो.

इसके अलावा, प्रतिरक्षा, सुरक्षा और स्पेस के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर दोनों देशों के नेताओं के बीच बातचीत हो सकती है. पीएम मोदी 29 मई को इंडोनेशिया पहुंचेंगे. पहले यह योजना थी कि पीएम मोदी पोर्ट ब्लेयर होते हुए समुद्री रास्ते से इंडोनेशिया के एसेह पहुंचें, लेकिन खराब मौसम के पूर्वानुमान की वजह से यह योजना बदलनी पड़ी और अब पीएम फ्लाइट से जाएंगे. वह इस दिन शाम को जकार्ता पहुंचेंगे.

पीएम का आधिकारिक कार्यक्रम 30 मई से शुरू होगा. इस दिन सबसे पहले वह कुसुमानेगरा हीरोज सेमिटेरी (कब्रिस्तान) जाएंगे जिसे सेमाकी हीरोज सेमिटेरी भी कहते है. यहां तमाम सैन्य और असैन्य नायकों को दफन किया गया है. पीएम मोदी यहां इंडोनेशिया के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देंगे.

वह इंडोनेशिया के राष्ट्रीय स्मारक मोनास टावर भी जाएंगे. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास इंडीपेन्डेंस पैलेस में पीएम मोदी का भव्य स्वागत खुद राष्ट्रपति जोको विडोडो करेंगे. इसके बाद आधिकारिक बातचीत होगी और संयुक्त बयान जारी होंगे.

तीन भाषाओं में दस्तावेज

एक सूत्र के मुताबिक इस दौरान दोनों देश आपसी रक्षा सहयोग समझौते का नवीनीकरण कर सकते हैं, जिसकी समय-सीमा समाप्त हो गई है. दोनों देशों के बीच प्रतिरक्षा, अंतरिक्ष सहयोग, पॉलिसी प्लानिंग आदि में कई समझौतों पर दस्तखत हो सकते हैं. इस बार की खास बात यह है कि सभी दस्तावेज तीन भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी और इंडोनेशियाई में जारी होंगे.

उड़ेगी पतंग

पीएम मोदी दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक रिश्ते बढ़ाने पर जोर दे सकते हैं. दोनों नेता पतंग उड़ा सकते हैं जिसमें कि गुजरात-बाली संपर्क देखने लायक होगा. इसके बाद पीएम भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में शामिल होंगे. इंडोनेशिया में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं.

भारत और इंडोनेशिया के बीच रामायण के माध्यम से एक मजबूत सांस्कृतिक जुड़ाव है. इंडोनेशिया में राम और सीता का काफी सम्मान है और वहां की रामलीलाएं काफी मशहूर हैं.

रोजा रखने वाले मुस्लिम कलाकार करेंगे रामायण बैले का प्रदर्शन

धार्मिक डिप्लोमेसी के तहत पीएम मोदी 31 मई को योग्याकार्ता जाएंगे, जहां उनका स्वागत सुल्तान हमेंगकुबुवोनो 10 करेंगे. पीएम मोदी ऐतिहासिक रूप से प्रसिद्ध हिंदू पद्मनाभन मंदिर जाएंगे और वह बोरुबुदूर में 9वीं शताब्दी के बौद्ध मंदिर भी जाएंगे. भारत और इंडोनेशिया के धार्मिक संपर्क में रामायण का काफी महत्व है और यह पीएम मोदी के ‘रामायण सर्किट’ के विजन के अनुरूप है.

इस दौरान पद्मनाभन मंदिर में रामायण बैले का प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें सभी कलाकार मुस्लिम होंगे. यह कलाकर हर दिन शाम को रामायण बैले का प्रदर्शन करते हैं. गौरतलब है कि इस दौरान रोजा भी है और तमाम कलाकार रोजा रखते हुए भी रामायण बैले का प्रदर्शन करेंगे.

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