मुख्य समाचार

नीतिश सरकार को चुनौती देते पप्पू यादव

—जेल जाने के बाद बिहार की सियासत में उबाल
—सरकार के सहयोिगयों ने भी मिलाया सुर
—क्या गुल खिलाएगी यह सियासत

जोरावर सिंह

कब कौन किसका विरोधी बन जाए, कब किसके साथ हो जाए, कौन से नेता किसके लिए चुनौती बन जाए, या फिर उसके कद में इजाफा हो जाए सियासत में यह निश्चित नहीं होता है, शायद बिहार की सियासत में इस समय जन अधिकार पार्टी के नेता और पूर्व सांसद पप्पू यादव इसका एक उदाहरण है, वह बिहार की सत्ता को लगातार चुनौती भी दे रहे थे, तो वहीं उनका कद भी उनके द्वारा की जा रही समाजसेवा के सहारे बढ रहा था, अब उन्हें बिहार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनकी ​गिरफ्तारी के बाद से ही बिहार की सियासत में बवाल मचा हुआ है। पप्पू यादव ने जेल में ही भूख हडताल शुरू कर दी है। पप्पू यादव ने जज से उन्हें जेल में न रखते हुए डॉक्टरर्स की निगरानी में रखने की अपील की है।

बिहार में जेडीयू और भाजपा की नीतिश कुमार के नेतृत्व में सरकार है, और इन दिनों कोरोना की वजह से देश के सभी राज्यों की सरकारें कम से कम जनता के निशाने पर है, उनमें बिहार की सरकार भी शामिल है, ऐसे में बिहार की सत्ता में शामिल भाजपा के सांसद के घर के भीतर रखी हुई एम्बूलेंसों का मामला, पप्पू यादव ने उजागर किया था, इसके बाद भाजपा और बिहार की सरकार काफी किरकिरी हो गई। दूसरी तरफ पप्पू यादव आमजन के बीच लगातार पहुंचकर उनकी मदद करने में जुटे हुए थे, तो वहीं बिहार सरकार के अस्पतालों की भी लगातार पोल खोल रहे थे। सियासी तौर में माना जाए तो पप्पू यादव की छवि जनता के बीच जन नेता की बनने लगी थी, ऐसे में उन्हें जेल भेजे जाने के बाद से बिहार में बवाल मच गया है।
—कौन हैं पप्पू यादव
बिहार की सियासत में अपनी खुद की पार्टी तक के सफर में राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव 1991 में सांसद चुने गए थे, वह मधेपुरा से भी सांसद रहे, उन्होंने बिहार की सियासत के कददावर नेता शरद यादव को भी चुनाव में मात दी थी, श्री यादव की पत्नी रंजीता रंजन भी सांसद रह चुकी है, वर्तमान में वह कांग्रेस की कददावर नेता है। श्री यादव राजद के नेता भी रहे, मगर उन्होने 2015 में जन अधिकार पार्टी का गठन किया, विधान सभा चुनाव में उनकी पार्टी ने चुनाव चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी से मिलकर चुनाव लडा लेकिन उन्हें मन माफिक सफलता नहीं मिली थी।
—ऐसे बनाई अलग पहचान
बिहार की राजनीति में जन अधिकार पार्टी, राजद, भाजपा, हम सहित कई अन्य सियासी दल सियासत करते हैं, उनकी अपनी अलग अलग कार्य प्रणाली है, लेकिन जन अिधकार पार्टी के नेता पप्पू यादव जनता के बीच सीधे पहुंचते है, इससे आम जन से उनका सीधा जुडाव है,बिहार में जब बाढ की स्थिति बनी तो उस दौरान पप्पू यादव उनके समर्थकों ने जिस तरह से आमजनों के बीच पहुंच कर उनकी मदद की थी, इससे उनकी छवि एक जन नेता के रूप बनती गई। वर्तमान में जब कोरोना के दौर में वह सीधे अस्पतालों में पहुंचकर लोगों की मदद कर रहे थे।
—यह भी आए समर्थन में…
बिहार में बीते दिनों से चल रहे एम्बूलेंस कांड के बाद से सियासत गर्म हो रही थी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों का दौर चल रहा था, इसका पटाक्षेप पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद ने होकर और गर्मा गया है। बिहार के सीएम नीतिश कुमार की मुश्किलें बढ गई हैं इसकी वजह है कि उनके ही सहयोिगयों ने जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव के समर्थन में आ गए है। इसलिए सरकार की मुश्किलें बढ गई है। दूसरी तरफ जन अिधकार पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद से ही विरोध जता रहे है।

Related Articles

Back to top button