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छत्तीसगढ़ में 14 घंटे की चर्चा के बाद गिरा विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव

छत्तीसगढ़ की चौथी विधानसभा के सत्र के अंतिम दिन राज्य सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से गिर गया। विधानसभा में शुक्रवार को राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 14 घंटे तक चर्चा हुई।
चर्चा के बाद विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री रमन सिंह ने विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को कमजोर बताया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव जनता की आंखों में धूल झोंकने की एक असफल कोशिश है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने विगत 15 वर्षों में कोई सकारात्मक भूमिका नहीं निभाई और कभी कोई वैकल्पिक नीति नहीं दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजनीति सिद्धांत विहीन, दिशाहीन, विचारहीन, कार्यक्रम विहीन, नीति विहीन और योजना विहीन है। आज देश के 19 राज्यों में भाजपा और सहयोगी दलों की सरकार है। देश की कुल आबादी के लगभग 70 प्रतिशत हिस्से में भाजपा की सरकारें हैं, जबकि कांग्रेस के पास छह प्रतिशत आबादी का भी नेतृत्व नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के नाम पर इस बार आरोपपत्र को देखकर ही लगा कि कांग्रेस ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। पहले आरोपपत्र में 168 बिंदु थे, लेकिन इस बार यह सिकुड़कर मात्र 15 रह गए हैं। जिस तरह कांग्रेस सिकुड़ गई है, उसी तरह अविश्वास प्रस्ताव भी सिकुड़ गया है। इससे पहले विपक्ष के नेता टी एस सिंहदेव ने भी सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि सरकार सभी मोर्चे पर विफल रही है।

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