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एक साल बाद : कोरोना संक्रमण और सरकारी इंतजाम

जोरावर सिंह

देश में कोरोना की आमद बीते साल 2020 में हुई थी, यह कोरोना की पहली लहर थी, भारत को काेरोना से बचाने के लिए सत्ता की तरफ से तमाम प्रयास किए गए और आम जनता से भी कराए गए। यह पूरा देश जानता है, अब 2021 में कोरोना की दूसरी लहर आई, जो काफी दुखदाई सािबत हो रही है। देश में कोरोना से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आक्सीजन की कमी से पूरा देश जूझ रहा है। हालात बेकाबू हो रहे है, इस बीच कुछ राहत भरी खबरें भी आ रही है, जो निराशा के छणों में आशा बंधाती हुई नजर आ रही हैं।

कोरोना संक्रमण पर पूरी तरह से एक साल बीतने के बाद भी अंकुश नहीं लग सका है, सरकार द्वारा जो तैयारियां की गई उसमें कोरोना वैक्सीन तैयार करना एक उपलब्िध रही, देश में कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है। लेकिन देश में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत किसी से छुपी नहीं है। इसका खािमयाजा अब देश के लोगों को भुगतना पड रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और व्याप्त अव्यवस्थाओं के कारण आमजनों में आक्रोश देखा जा रहा है, कई स्थानों पर कालाबाजारी ने भी लोगों को आहत किया है।

—यह अंतर है चिंता का विषय

देश में कोरोना के मरीज लगातर सामने आ रहे है, लेकिन अब कोरोना से संक्रमित मरीज ठीक होकर भी अपने घर लौट रहे है, यहीं सुखद खबर है। आंकडों के मुताबिक देश भर में 3,60,960 नए मामले दर्ज किए गए। जबकि 2,61,162 लोग संक्रमण से स्वस्थ होने के बाद वापस अपने घर लौटे। देश में जितने मरीज रोज संक्रमित हो रहे है, उस रफ्तार में मरीज अभी भी ठीक नहीं हो रहे हैं, अब तक देश में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 1,79,97,267 हो गया है। अभी भीा ठीक होने और संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या का अंतर करीब 99 हजार 798 मरीज है। जो निश्चित तौर पर चिंता का विषय है।

—तो और बढेगा आंकडा

देश में कोरोना संक्रमितो की मौतों का सिलसिला नहीं थम रहा है, इसके चलते देश भर भयावह तश्वीरें आ रही है। सरकारी आंकडों के मुताबिक रोजाना 3293 लोगों की कोरोना से मौंतें हो रही है। अब तक देश भर में कोरोना से कुल 2 लाख 187 लोगों की मौत हो चुकी है। और यदि कोरोना से जान गंवाने वालों की रफ्तार यही रही तो आगामी एक पखवाडे में करीब 50 हजार की संख्या और जुड सकती है। जो भयावह करने वाली स्थिति होगी।

— वैक्सीनेशन की स्थिति

देश में वैक्सीनेशन कराया जा रहा है, अस्पतालों में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन की शुरूआत की गई थी, तब से जारी है। देश में अभी तक 14,78,27,367 लाेगों को वैक्सीन दी गई है। वैक्सीन लगातार लगाई जा रही है। लेकिन इस समय देश में लगे लॉकडाउन के कारण से लोग ज्यादातर घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, लॉकडाउन खुलने के बाद वैक्सीनेशन के लिए लोग अिधक संख्या में पहुंचेंगे।

—पीडितों को उपचार देने की चुनौती

देश में कोरोना से पीडित मरीज सामने आ रहे हैं तो मरीज ठीक भी हो रहे है, देश भर में कुल अब तक देश में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 1,79,97,267 है। वहीं 1,48,17,371 है। करीब तीस लाख सकि्रय मरीज है, देश में सकि्रय मरीजों की संख्या वर्तमान में अधिक है, इसमें कई राज्य और महानगर शािमल हैं, सरकार पर इस समय सकि्रय मरीजों को आक्सीजन और उपचार उपलब्ध कराना चुनौती बना हुआ है। संसाधनों की कमी के कारण से मरीजों और उनके परिजनों की मुश्किलें बढ रही है।

— तैयारियां में रही ढिलाई

भारत जैसे विशाल देश में जिला स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की स्िथति वैसे ही ठीक नहीं है, अस्पतालों में जहां उपकरणों का टोटा है तो वहीं डाक्टर और अन्य स्टाफ की कमी है, यह सर्वविदित है, इसके बाद भी सरकारों ने कोरोना की दूसरी लहर को लेकर पूर्व में तैयारियों को गंभीरता से नहीं लिया। इस कारण से इस तरह के हालात बने। हालात यह है कि यदि कोरोना और विकराल रूप धारण करता है। जिला स्तर पर आने वाले संक्रमित मरीजों को उपचार दिलाने के लिए अस्पताल कितने तैयार है। कोरोना पीडित मरीजों को रेमडेसिवर इंजेक्शन की किल्लत से जूझना पड रहा है। इससे अस्पतालों में मरीजों के परिजनों का विरोध भी स्वास्थ्य महकमे को सहना पड रहा है। कोरोना के एक साल के बाद भी देश के कोरोना पीडित जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।

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