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…लो अब आ गई कोरोना वायरस से बचाने वाली टीशर्ट

 

[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]कीर्ति राणा[/mkd_highlight]

 

मध्यप्रदेश। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्सटाइल भोपाल से शिक्षा प्राप्त-इंदौर निवासी आर्किटेक्ट, डिजाइनर स्वर्णिम बारसकर ने कोरोना प्रभावित मरीजों के उपचार में लगे कोरोना वारियर्स के लिए जालियों वाला ऐसा टीशर्ट बनाया है जिसे पहनकर काम करने पर कम से कम संक्रमण का खतरा रहता है।देश ही नहीं विश्व स्तर पर स्वर्णिम की यह पहल इंदौर का नाम भी रोशन करने वाली है।यह टीशर्ट उन वॉरियर्स के लिए तो प्राणरक्षक के समान है जिन्हें पीपीई किट के अभाव में काम करने पर संक्रमण का अधिक खतरा रहता है।

कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने हेतु इस किफायती और आसान सी पोशाक को डिजाइन किया है जो खासतौर से कोरोनावायरस के सीधे संपर्क में आने वाले डाॅक्टरों,नर्सेस तथा मेडिकल स्टाफ के साथ ही पुलिस, सुरक्षा कर्मी और अन्य कोरोनायोद्धाओं के ड्यूटी समय में संक्रमित व्यक्ति या वस्तुओं को छूने से होने वाले संक्रमण से लगभग पचास-साठ प्रतिशत कम करती है।

स्वर्णिम बारसकर

 

— टीशर्ट पहनने पर संक्रमण का प्रतिशत कम

देश ही नहीं विश्व में इस तरह का यह प्रयोग करने वाले इंदौर निवासी स्वर्णिम बारसकर ने चर्चा में कहा यह टीशर्ट हेग्जानेट से तैयार की गई है।इसकी जाली में 7 एमएम के छोटे छोटे छेद हैं।कपड़े के ऊपर इसे आसानी से पहन कर संक्रमित मरीज को छूने, उसे उठाने पर, डैड बॉडी को उठा कर ले जाने में सहायक के शरीर का जो भी हिस्सा मरीज से टच होता है उस पर वायरस का खतरा सौ फीसदी से घटकर 20-40 प्रतिशत रह जाता है। इसी तरह कोरोना प्रभावित मरीज छींकता, थूकता भी है तो टीशर्ट पहने कोरोना वारियर्स सौ प्रतिशत संक्रमण का शिकार होने से बच जाएगा।क्योकि टीशर्ट के बारीक छेद के कारण वायरस यही चिपक जाता है अंदर पहने कपड़ो, शरीर के हिस्सों तक संपर्क में नहीं आ पाता है। जबकि टीशर्ट के अभाव में वॉयरस सीधे शरीर के अंगों से सम्पर्क बना लेता है।
मात्र 300 रु की लागत वाली यह पोशाक फ्लेक्झिबल जालीदार मटेरियल से निर्मित है तथा हमेशा डिर्टेजेंट में साफ करने योग्य है। मुख्य कान्सेप्ट यह है कि नेट के कपड़ों के छिद्रों में संभावित संक्रमण के वायरस नेट के सतह के नीचे चिपक जाने की वज़ह से नेट के ऊपरी सतह पर छूने से संक्रमण की आशंका काफी कम हो जाती है।

 -इन कर्मचारियों के लिए उपयोगी है यह टीशर्ट

— कोरोना वॉरियर्स में मरीजों के सतत संपर्क में रहने वाले डॉक्टरों के लिए तो पीपीई किट अनिवार्य है लेकिन महामारी की रोकथाम में लगे निगमकर्मी, पुलिसकर्मी, अस्पताल के हेल्पर, वार्डबॉय, सफाईकर्मी आदि जिन्हें किट नहीं मिल पाती ऐसे लाखों कर्मचारियों के लिए यह टीशर्ट बेखौफ होकर काम करने में मददगार रह सकती है।
— बस्तियों-कॉलोनियों में कोरोना मरीजों का सर्वे करने के लिए जाने वाले हेल्थ वर्कर, आशा कार्यकर्ताओं के लिए।
— अस्पताल में उपचार हेतु लाए जाने वाले मरीज को एंबुलेंस से वार्ड-पलंग तक ले जाने वाले कर्मचारियों के लिए।
उपचार के चलते जिन गंभीर मरीजों की मौत हो जाए तो डैडबॉडी सीधे श्मशान के लिए लेकर जाने वाले शववाहन कर्मियों के लिए।

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