अब गाँधी का नमक सत्याग्रह संग्रालय में
मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को महात्मा गांधी की 71वीं पुण्यतिथि पर गुजरात में नवसारी जिले के दांडी में राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक एवं संग्रहालय राष्ट्र को समर्पित किया.
इस स्मारक में महात्मा गांधी और ऐतिहासिक दांडी नमक यात्रा के दौरान 80 सत्याग्रहियों की मूर्तियां हैं. दांडी मार्च जिसे नमक मार्च, दांडी सत्याग्रह के रूप में भी जाना जाता है जो 1930 में महात्मा गांधी के द्वारा अंग्रेज सरकार के नमक के ऊपर कर लगाने के कानून के विरुद्ध किया गया सविनय कानून भंग कार्यक्रम था. भारत में अंग्रेजों के शाशनकाल के समय नमक उत्पादन और विक्रय के ऊपर बड़ी मात्रा में कर लगा दिया था और नमक जीवन जरूरी चीज होने के कारण भारतवासियों को इस कानून से मुक्त करने और अपना अधिकार दिलवाने हेतु ये सविनय अवज्ञा का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कानून भंग करने के बाद सत्याग्रहियों ने अंग्रेजों की लाठियाँ खाई थी परंतु पीछे नहीं मुड़े थे। स्मारक में 24 चित्र भी हैं जो 1930 के ऐतिहासिक दांडी मार्च की विभिन्न घटनाओं और कहानियों को चित्रित करती हैं.
अंग्रेजों के नमक कानून का विरोध करते हुए महात्मा गांधी ने अहमदाबाद में साबरमती आश्रम से तटीय गांव दांडी तक पदयात्रा की थी. महात्मा गांधी और उनके 80 सहयोगियों ने अंग्रेजों के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन के तहत दांडी मार्च किया था.