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व्हाट्सएप्प पर नोटिस/ डॉक्यूमेंट को पीडीएफ फॉर्मेट में भेजने को वैध करार दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप्प पर नोटिस/ डॉक्यूमेंट को पीडीएफ फॉर्मेट में भेजने को वैध करार दिया है। जानकारी के मुताबिक ये नया निर्देश जस्टिस गौतम पटेल ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कार्ड एंड पेमेंट सर्विस से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का आरोप है कि अभियुक्त रोहित जाधव नोटिस लेने से बच रहा है। वहीं 8 जून को अभियुक्त को कंपनी के एक अधिकृत अधिकारी ने नोटिस भेजा। यह नोटिस व्हाट्सएप्प के जरिए पीडीएफ फॉर्मेट में भेजा गया और एक संदेश के जरिए उसे सुनवाई की अगली तारीख के बारे में बताया गया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस नोटिस को वैध बताया है।बताया जा रहा है कि बैंक ने रोहिदास जाधव के खिलाफ क्रेडिट कार्ड के 1.17 लाख रुपए के बकाए के लिए केस किया था। कंपनी ने क्रियान्वयन याचिका के साथ हाईकोर्ट की शरण ली, क्योंकि जाधव ने उसके कॉल उठाने अथवा उसके अधिकारियों से मिलने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही बैंक की ओर से वकील ने कहा कि जाधव ने अपना घर बदल लिया था इसलिए उन्हें नोटिस भेजा नहीं जा सका। उनके पास जाधव का फोन नंबर था जिस पर नोटिस भेज दिया गया। जाधव पर 2010 में 85,000 रुपए का बकाया था। 2011 में उन्हें 8% ब्याज पर वापस चुकाने के लिए कहा गया था।

ब्लू टिक से फंस गया
कंपनी ने याचिका के साथ उच्च न्यायालय की शरण ली क्योंकि जाधव ने उसके कॉल उठाने बंद कर दिए अथवा उसके अधिकारियों से मिलने से इंकार कर दिया। न्यायमूॢत पटेल ने अपने आदेश में कहा , ‘‘ नागरिक प्रक्रिया संहिता के आदेश 11 नियम 22 के तहत नोटिस तामिल करने के मकसद से मैं इसे स्वीकार करूंगा। मैं इसलिए ऐसा कर रहा हूं क्योंकि आइकन संकेतक (व्हाट्स एप) यह स्पष्ट दिखा रहे हैं कि प्रतिवादियों के नंबर पर संदेश और उसका संलग्नक न केवल भेजा गया है बल्कि दोनों को खोला भी गया। ’’ आपको बता दें कि व्हाट््स एप पर मैसेज खोलने के बाद उसमें ब्लू टिक का साइन आ जाता है।
अापको बता दें कि किसी व्यक्ति को नोटिस रजिस्टर्ड पोस्ट से भेजा जाना चाहिए लेकिन डिजिटल होती दुनिया में बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी कोर्ट की कार्यवाही को अपडेट करने का फैसला किया है।

 

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