मई में होने वाले कर्नाटक विधानसभा में नई ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा
लोकसभा और राज्यसभा चुनावों के दौरान ईवीएम पर उठे सवालों के बीच चुनाव आयोग न्यू जेनरेशन ईवीएम लेकर आ रहा है। आयोग ने बुधवार को थर्ड जनरेशन के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को पेश किया जिसे मार्क 3 नाम दिया गया है। मई में होने वाले कर्नाटक विधानसभा में इस ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा। आयोग का दावा है कि यह नई ईवीएम ‘टेंपरिंग प्रूफ’ है और इसमें कई खूबियां हैं।
ईवीएम को नहीं किया जा सकेगा कंट्रोल
चुनाव आयोग के अनुसार यह ईवीएम में एक चिप लगी है जिसमें एक ही बार सॉफ्टवेयर कोड लिखा जा सकेगा। यहां तक की अगर कोई इससे छेड़छाड़ करने की कोशिश करता है तो यह मशीन खुद की शटडाउन हो जाएगा। नई ईवीएम मशीन को इंटरनेट या किसी भी नेटवर्क से कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। इसमें 24 बैलेट यूनिट और 384 प्रत्याशियों की जानकारी रखी जा सकती है। जबकि इससे पहले वाले मार्क 2 में सिर्फ 4 बैलेट यूनिट और 64 प्रत्याशियों की जानकारी ही रखी जा सकती थी। चुनाव आयोग ने बताया कि भारत की दो कंपनियां भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बंगलूरु और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, हैदराबाद में तैयार की जाती हैं। इसके सॉफ्टवेयर भी यहीं तैयार किए जाते हैं और फिर इन्हें मशीन कोड में बदला जाता है।
कर्नाटक चुनाव में होगा नई ईवीएम का इस्तेमाल
बता दें कि पिछले कुछ सालों में भाजपा को मिली जीत के बाद चुनाव आयोग और ईवीएम पर कई सवाल उठाए गए। हालांकि चुनाव आयोग ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि ईवीएम सेफ है और कोई इसे हैक नहीं कर सकता है। इसके लिए हैकाथॉन कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था लेकिन आरोप लगाने वाली किसी पार्टी ने इसमें हिस्सा नहीं लिया था। अब चुनाव आयोग ने कर्नाटक चुनाव से पहले ईवीएम का नया वर्जन लॉन्च किया है। इस मशीन को पूरी तरह से सुरक्षित माना गया है। ट्रायल के तौर पर कर्नाटक चुनाव में 1800 सेंटरों पर नए ईवीएम का इस्तेेमाल होगा। 2019 आम चुनाव में हर सेंटर पर इसे इस्तेमाल करने की योजना है।