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पूर्वोत्तर के रास्ते विदेशी हथियारों की तस्करी कर रहे नक्सली: पुलिस

छत्तीसगढ़ पुलिस ने आशंका जताई है कि नक्सली पूर्वोत्तर के रास्ते अत्याधुनिक विदेशी हथियारों की तस्करी कर रहे हैं। नक्सलियों के गढ़ बस्तर क्षेत्र से विदेश में निर्मित दो अत्याधुनिक बंदूकों के मिलने के बाद पुलिस जांच में जुटी है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों के साथ सुकमा जिले में दो मई को हुई मुठभेड़ के बाद जर्मनी में निर्मित एक राइफल मिली थी। इसके अलावा चार जुलाई को जिले के नारायणपुर से अमेरिका में निर्मित सब-मशीनगन बरामद की गई थी।

पुलिस उपमहानिरीक्षक (नक्सल विरोधी अभियान) सुंदरराज पी ने बताया, ‘इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि विदेश निर्मित हथियार पूर्वोत्तर के रास्ते तस्करी से यहां पहुंचे जैसे कि इस संबंध में खुफिया इनपुट भी मिले थे।’ उन्होंने कहा, ‘हथियारों के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच जारी है। इससे पहले कभी भी बस्तर क्षेत्र से नक्सलियों के पास इस तरह के हथियार नहीं मिले थे।’

डीआईजी ने बताया कि पूर्व में दिसंबर 2011 और अप्रैल 2014 में नक्सलियों के पास से मुठभेड़ के बाद दो 7.65 मिमी के ऑटोमेटिक पिस्टल मिली थी। यह हथियार अमेरिका में निर्मित थे। आत्समर्पण करने वाले और गिरफ्तार किए गए नक्सलियों ने पूछताछ के दौरान यह खुलासा किया था कि वह हथियार और अत्याधुनिक उपकरण विदेश से हासिल कर रहे हैं।

नक्सली इस तरह के हथियार सुरक्षाबलों से लूटपाट में भी हासिल किए थे। उन्होंने बताया कि आमतौर पर नक्सलियों के पास हथियार पूर्वोत्तर राज्य असम से जंगल महल (पश्चिम बंगाल) के रास्ते ओडिशा के मलकानगिरि पहुंचते हैं।

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