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PM मोदी का कांग्रेस पर निशाना, कहा- सिर्फ पत्थर जड़कर गुमराह नहीं कर सकते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राजस्थान के बाड़मेर जिले में देश की सबसे आधुनिक ऑयल रिफाइनरी के कार्य का शुभारंभ किया. इस दौरान उनके साथ राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान समेत कई अन्य नेता भी मौजूद रहे. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि वसुंधरा जी और धर्मेंद्र प्रधान ने रिफाइनरी शुरू करने का कार्यक्रम मनाया, इसके बाद जब कोई सरकार पत्थर जड़ेगी तो लोग पूछेंगे कि काम शुरू करने की तारीख बताओ. उन्होंने कहा कि पत्थर जड़ने से लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता है, जब काम शुरू होता है तभी विश्वास होता है.

उन्होंने कहा कि अभी जब मुझे रिफाइनरी वाले इसके बारे में बता रहे थे, तो मैंने उनसे पूछा कि उद्घाटन की तारीख बताइए. पीएम बोले कि ये समय संकल्प से सिद्धि का समय है. 2022 से पहले तक रिफाइनरी का उद्घाटन होगा.

PM मोदी ने इस दौरान पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत, बीजेपी नेता जसंवत सिंह का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमारे देश में इतिहास को भुला देने की परंपरा रही. उन्होंने कहा कि इजरायल के पीएम इन दिनों भारत के दौरे पर हैं, देश की आजादी के बाद मैं पहला पीएम था जो इजरायल गया था.

उन्होंने कहा कि जब मैं इजरायल गया तो मैं हाइफा गया, तो प्रथम विश्वयुद्ध में हाइफा को मुक्त कराने के लिए जिन भारतीय वीरों ने बलिदान दिया था उन्हें श्रद्धांजलि दी. उस दौरान सैनिकों का नेतृत्व राजस्थान के मेजर दलपत सिंह ने किया था. दिल्ली में तीन मूर्ति चौक उनकी याद में बना है, अब उसका नाम तीन मूर्ति हाइफा चौक कर दिया है.

कांग्रेस और अकाल जुड़वा भाई

पीएम ने कहा कि पहले मैं सुनता था कि राजस्थान में कांग्रेस और अकाल जुड़वा भाई हैं, जहां कांग्रेस जाएगी वहां पर अकाल साथ-साथ जाता है. उन्होंने कहा कि सिर्फ यहां ही नहीं बल्कि कई जगह पत्थर लगाकर फोटो खिचवाई गई है. उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी बातें करना, जनता को गुमराह करना कांग्रेस की कार्यशैली का हिस्सा है.

उन्होंने बताया कि जब मैं पीएम बना तो रेलवे बजट देखा तो 1500 से ज्यादा ऐसी योजनाओं की घोषणा की गई जो आजतक कागज में ही हैं. हमारी सरकार ने कुछ पल की ताली के लिए हमने ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा कि जितना हो सकता है हम उतना ही बताएंगे. हमारी सरकार ने वन रैंक-वन पेंशन के सपने को पूरा किया, जो 40 साल से अटका हुआ था. कांग्रेस ने अंतरिम बजट में 500 करोड़ रुपए दिया और पूरे चुनाव में इसे भुनाते रहे. सिर्फ बजट में कहा गया था लेकिन इस पर काम शुरू नहीं किया था.

OROP पर कांग्रेस को घेरा

पीएम रैली में बोले कि सिर्फ 500 करोड़ रुपये देकर क्या सच में कांग्रेस फौजियों का भला करना चाहती थी, इसमें कुल खर्चा 12000 करोड़ रुपये का आया था. मैंने फौजियों को कहा कि सरकार के पास बजट कम है, इसलिए एक साथ नहीं दे सकते हैं. मेरी बात फौजियों ने मानी और चार टुकड़ों में पेंशन लेने के लिए राजी हुए.

PM @narendramodi being welcomed by Rajasthan CM @VasundharaBJP, on his arrival at Uttarlai Air Force Station in Barmer, Rajasthan pic.twitter.com/cVDdHfJ77O

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PM @narendramodi being welcomed by Rajasthan CM @VasundharaBJP, on his arrival at Uttarlai Air Force Station in Barmer, Rajasthan

12:33 PM – Jan 16, 2018
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इस 43,000 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना के चार साल में पूरा होने के बाद इससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा. यह 9 एमएमटीपीए (मिलियन मिट्रिक टन प्रति साल) क्षमता वाली रिफाइनरी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) व राजस्थान सरकार का एक संयुक्त उद्यम है. इसके उत्पाद बीएस-वीआई उत्सर्जन के मानकों के अनुरूप होंगे.

वसुंधरा का सोनिया पर वार

राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन राजस्थान ऐतिहासिक है. उन्होंने कहा कि इस सपने को हमारी पिछली सरकार ने देखा था, आज बीजेपी सरकार के दौरान ही इसकी शुरुआत हो रही है. कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के दौरान चार साल तक कुछ नहीं किया, लेकिन चुनाव के समय आनन-फानन में सोनिया गांधी को बुलाकर इसका शिलान्यास करवाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीयत इस परियोजना के लिए सही नहीं थी. हमारी सरकार ने विस्तार से इस योजना पर काम किया है, सिर्फ लोकलुभावन की बात नहीं की है.

कांग्रेस ने किया है विरोध

कांग्रेस का आरोप है कि इस रिफाइनरी का शिलान्यास पहले ही तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कर चुकी हैं. फिर पीएम क्यों ऐसा कर रहे हैं. इस बीच बाड़मेर रिफाइनरी को लेकर कांग्रेस व राजस्थान की सत्तारूढ़ भाजपा के बीच राजनीतिक बहस तेज हो गई है. रिफाइनरी को लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री से सवाल किया था कि रिफाइनरी का शिलान्यास फिर से क्यों किया जा रहा है, जब यह पहले ही 2013 में हो चुका है.

इसके तुरंत बाद वितरित किए गए आमंत्रण पत्र में ‘कार्य शुभारंभ समारोह’ लिखा गया है. गहलोत ने इस पर त्वरित टिप्पणी में कहा कि यह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया सरकार का मुंह छिपाने जैसा कदम है.

दिलचस्प है इतिहास

2013 में विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार ने सोनिया गांधी को बुलाकर तेल रिफाइनरी का शिलान्यास करवाया था. वसुंधरा राजे ने सत्ता में आते ही इसे घाटा का सौदा बताकर बंद कर दिया. अब 2018 में विधानसभा चुनाव है तो वसुंधरा राजे ने 16 जनवरी को फिर से शिलान्यास करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाया है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस मामले पर बीजेपी पर उन्हीं के हिंदू कर्म-कांड का हवाला देकर कह रहे हैं कि एक जगह हुए मंत्रोच्चार के कार्यक्रम को रद्द कर उसी जगह पूजा करना ठीक नहीं है.

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