दाम में कमी न करने के अनोखे बहाने बना रहीं कंपनियां
जीएसटी के तहत तीन सौ से ज्यादा उत्पादों पर करों में कटौती के बावजूद देसी और बहुराष्ट्रीय कंपनियां दामों में कमी न करने के अजीबोगरीब बहाने बना रही हैं। राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण को नोटिस के जवाब में कंपनियों की यह हेराफेरी सामने आई है।
प्राधिकरण को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह मुनाफाखोरी करने वाली कंपनियों के खिलाफ शिकायतों को सुने, उनसे जवाब मांगे और नियमानुसार कार्रवाई करे। जीएसटी के तहत किसी कंपनी के खिलाफ ज्यादा कर वसूलने या मुनाफाखोरी की शिकायत पहले राज्यस्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी के पास जाती है। जो मामले राष्ट्रीय स्तर के होते हैं, उन्हें स्थायी समिति के पास भेज दिया जाता है। रक्षोपाय महानिदेशालय (डीजीएस) इनकी जांच करता है। डीजीएस तीन माह में जांच पूरी कर प्राधिकरण को अपनी रिपोर्ट देता है
तीन बड़े बहाने
1. दशमलव के अंकों में बदलाव मुश्किल
कंपनियों का कहना है कि दशमलव के अंक में दामों को कम करना मुश्किल है। इस पर प्राधिकरण ने कंपनियों से लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट का कड़ाई से पालन करने को कहा और दशमलव अंक तक भी कमी करने का निर्देश दिया।
2. बड़े पैकेट पर कमी की, छोटे पर नहीं
कुछ कंपनियों ने उत्पादों के बड़े पैकेट पर तो दाम कर दिए, लेकिन छोटे पैकेट, सैशे पर दाम नहीं घटाए। ऐसे तमाम राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी महानिदेशालय की जांच में सामने आए।
3. एक ब्रांड पर दाम घटाए, दूसरे पर नहीं
कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने किसी एक ब्रांड पर दाम किए मगर दूसरे पर ग्राहकों को राहत नहीं दी। मसलन बिस्किट के एक ब्रांड पर दाम किए मगर दूसरे पर नहीं।
क्या कहता है सीजीएसटी कानून
केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) कानून की धारा 171 के अनुसार, किसी उत्पाद या सेवा पर टैक्स में कमी की जाती है या इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ कंपनी को दिया जाता है तो उसके बदले ग्राहकों को दाम में राहत दी जानी चाहिए।
जुर्माना लगाने की ताकत
दोषी कंपनी को ज्यादा वसूला पैसा 18% ब्याज वापस करने को कह सकता है
अगर लाभार्थी की पहचान न हो तो पैसा उपभोक्ता कल्याण कोष में जाएगा
50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण
बड़े टीवी अगले माह से महंगे होंगे
जीएसटी घटने से जहां 27 इंच से कम आकार के टीवी सस्ते हो गए हैं, वहीं कंपनियां 32 इंच और उससे बड़े आकार के टीवी एक अगस्त से महंगे करने जा रही हैं। हेयर अगस्त मध्य से 405 फीसदी दाम बढ़ाएगा। पैनासोनिक, सोनी और अन्य कंपनियां भी दाम बढ़ाने की तैयारी में हैं।
आयातित उपकरण महंगे हुए
पैनासोनिक सीईओ मनीष शर्मा का तर्क है कि टीवी पैनल समेत कई आयातित उपकरण महंगे हुए हैं, रुपया कमजोर होने से लागत बढ़ी है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दाम में बढ़ोतरी का उदाहरण दिया है।