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एमपीपीएससी परीक्षा के पेपर में भील जनजाति को शराबी और अपराधी प्रवृत्ती का बताया,मचा बवाल

मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा 2020 के प्रश्न पत्र में भील जनजाति को शराबी और अपराधी प्रवृत्ती का बताया गया है। इस प्रश्न पर जमकार प्रदेश सरकार को घेरा जा रहा है। वहीं आदिवासी संगठनों ने बवाल मचा दिया। कई संगठनों द्वारा मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग अध्यक्ष और सचिव रेणु पंत पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज करने और बर्खास्त करने की मांग की जा रही है।

जानकारी के अनुसार रविवार 12 जनवरी 2020 को मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षा के प्रश्न पत्र में भील जनजाति को लेकर पूछे गए प्रश्न को न केवल आदिवासी संगठन बल्कि अन्य संगठनों और नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया। प्रश्न पत्र में गद्यांश प्रश्न में भील जनजाति को अपराधी अनैतिक कार्यों से गरीबी, शराबी बताया गया है। इसको पढकर आदिवासी संगठनों ने मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष और सचिव पर कार्रवाही की मांग प्रदेश सरकार से की है। इस मामले को व्यापंम कांड का उजागर करने वालों में शामिल आटीआई कार्यकार्ता डॉ.आनन्द राय ने भी उठाया है।

पढे किसने क्या कहा इस मामले में…

Dr.ANAND RAI लोक सेवा आयोग की सचिव मनुवादी गढ़वाली ब्राह्मण रेणु पंत को अबिलम्ब बर्खास्त कर अनिवार्य सेवा निवृत्ति दी जाए,आदिवासियों के अपमान के लिए संघी भास्कर चौबे और रेणु पंत जिम्मेदार हैं,तत्काल एट्रोसिटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज हो।

Tribal Army मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षा के एक सवाल में आदिवासियों को अपराधी प्रवृत्ति का बताया गया है। हमारे संज्ञान में ये शाम को मामला आया हैं। MPPSC में चेयरमैन, सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और मेंबर इनमें से बहुजन का एक भी नहीं हैं। कल सुबह 9 बजे ट्रेंड करें।

Aaruhi Meena भील जनजाति के प्रति इस घटीया सोच की हम कड़ी निंदा करते हैं, रेणु पन्त को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करो।

Mahendra Kannoj JAYS लोक सेवा आयोग की सचिव रेणु पंत को अबिलम्ब बर्खास्त कर अनिवार्य सेवा निवृत्ति दी जाए, आदिवासियों के अपमान के लिए भास्कर चौबे और रेणु पंत जिम्मेदार हैं, तत्काल एट्रोसिटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज करने की मांग करते है।

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