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भारत के प्रति विश्व का नजरिया बदला : मोदी

नई दिल्ली। भारतीय मूल के लोगों को विश्व में भारत का स्थायी राजदूत करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि पिछले तीन-चार वर्षों में भारत में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। हमारे प्रति विश्व का नजरिया बदल रहा है तथा भारत के लोगों की आशाएं-आकांक्षाएं इस समय उच्चतम स्तर पर हैं।

प्रथम प्रवासी सांसद सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आप लोग लंबे समय से अलग-अलग देशों में रह रहे हैं। आपने अनुभव किया होगा कि पिछले तीन-चार वर्षों में भारत के प्रति नजरिया बदल गया है। इसका मुख्य कारण यही है कि भारत स्वयं बदल रहा है, इसमें बदलाव आ रहा है ।

Keeping in mind the needs of 21st century, the government is increasing the investment in technology, transportation: PM Modi at PIO (Persons of Indian Origin) Parliamentary Conference in Delhi pic.twitter.com/xcCJmKCucK

— ANI (@ANI) January 9, 2018

मोदी ने कहा कि जैसा पहले था, वैसे ही चलता रहेगा, कुछ बदलेगा नहीं। इस सोच से भारत अब बहुत आगे बढ़ चुका है। भारत के लोगों की आशाएं-आकांक्षाएं इस समय उच्चतम स्तर पर हैं। व्यवस्थाओं में हो रहे संपूर्ण परिवर्तन का, इसमें हो रहे अपरिवर्तनीय बदलाव का परिणाम आपको हर क्षेत्र में नजर आएगा।

उन्होंने कहा कि जब भी किसी देश की यात्रा करता हूं, तो मेरा प्रयास होता है कि वहां रहने वाले भारतीय मूल के लोगों से मिलूं। मेरे इस प्रयास का सबसे बड़ा कारण है कि मैं मानता हूं कि विश्व के साथ भारत के संबंधों के लिए यदि सही मायने में कोई स्थायी राजदूत है तो वे भारतीय मूल के लोग हैं।

मोदी ने कहा कि आपको यहां देखकर आपके पूर्वजों को कितनी प्रसन्नता हो रही होगी, इसका अंदाजा हम सभी लगा सकते हैं। वो जहां भी होंगे, आपको यहां देखकर बहुत खुश होंगे। सैकड़ों वर्षों के कालखंड में भारत से जो भी लोग बाहर गए, भारत उनके मन से कभी बाहर नहीं निकला।
More than half the investment in sectors like construction, air transport, mining, computer software, hardware, electrical equipment & many others, till now has happened in the last three years: PM Modi pic.twitter.com/xfQ3YyejWF

— ANI (@ANI) January 9, 2018
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं कि भारतीय मूल के प्रवासी जहां भी गए, वहीं पूरी तरह समावेशित हो कर, घुल-मिलकर उस जगह को अपना घर बना लिया। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ खुद में भारतीयता को जीवित रखा तो दूसरी तरफ वहां की भाषा, वहां के खान-पान, वहां की वेश-भूषा में भी पूरी तरह घुल-मिल गए।

उन्होंने कहा कि राजनीति की बात करूं तो, मैं देख ही रहा हूं कि कैसे भारतीय मूल की एक मिनी विश्व संसद मेरे सामने उपस्थित है। आज भारतीय मूल के लोग मॉरीशस, पुर्तगाल और आयरलैंड में प्रधानमंत्री हैं। भारतीय मूल के लोग और भी बहुत से देशों में शासनाध्यक्ष और सरकार के मुखिया रह चुके हैं।

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