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जर्मन फुटबॉल संघ ने कहा- ओजिल का राष्ट्रीय टीम से जाने का दुख है

जर्मन फुटबॉल संघ (डीएफबी) ने फुटबॉल खिलाड़ी मेसुत ओजिल द्वारा लगाए गए नस्लभेद के आरोपों को खारिज किया है. लेकिन संघ ने यह भी माना कि वह खिलाड़ी को दुर्व्यवहार से बचाने के लिए जल्द कदम उठा सकता था.

डीएफबी ने एक बयान में कहा, ‘हमें ओजिल के राष्ट्रीय टीम से जाने का दुख है. हम किसी भी प्रकार से नस्लभेद से नहीं जुड़े हैं, डीएफबी कई वर्षों से जर्मनी में एकीकरण का कार्य कर रहा है.’

इंग्लिश क्लब आर्सेनल से खेलने वाले 29 वर्षीय मिडफील्डर ओजिल ने रविवार को ‘अपने खिलाफ हुए नस्लीय व्यवहार’ के कारण अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास ले लिया था.

ओजिल तुर्की मूल के जर्मन खिलाड़ी हैं. उन्होंने डीएफबी पदाधिकारियों, मीडिया के एक हिस्से को लक्षित कर कहा है कि जब हम जीतते हैं, तो मैं जर्मन हो जाता हूं और जब हम हारते हैं, तो मुझे आव्रजक करार दे दिया जाता है.

ओजिल 2014 की विश्व विजेता जर्मन टीम के खास सदस्यों में से एक हैं. उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तायिप एर्डोगन के साथ फोटो खिंचाई थी, जिसके कारण विवाद शुरू हुआ और जर्मनी के 2018 फीफा विश्व कप के ग्रुप स्तर से बाहर होने बाद उन्हें धमकियां दी गईं और उन पर नस्लभेदी टिप्पणियां की गईं.

जर्मनी की टीम विश्व कप के अपने अंतिम ग्रुप मैच में दक्षिण कोरिया से 0-2 से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हुई थी.

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