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एक लाख के बदले 36 हजार रूपए सलाना देने वाली कंपनी डूबी

— डूब गए निवेशकों के 1500 करोड रूपए
— मामले मे विधायक का नाम भी सामने आया

लालच बूरी बला है,लोग बालते है तो पर मानते नहीं है, बेंगलुरु की एक कंपनी ने एक लाख निवेश के बदले सलाना 36 हजार रूपए देना का वायदा किया। लोगो ने अपनी गढी कमाई का लाखों रूपए इस कंपनी में निवेश कर दिया। कंपनी के पास करोडो जमा हो गए और अचानक कंपनी और मलिक गायब हो गए। कंपनी तो डूबी ही साथ ही निवेशकों का करोडों रूपया डूब गया। अब इस ममाले में सरकार एसआईटी जांच शुरू कर रही,क्योंकि कंपनी में एक विधायक का नाम शामिल हो गया है।

जानकारी के अनुसार बेंगलुरु में रहने वाले मसूर खान ने आईएमए नाम की कंपनी शुरू ​की। कंपनी ने लोगो से कहा कि एक लाख रूपए के निवेश पर कंपनी हर साल उन्हें 36 हजार रूपए लाभ के रूप में देंगी। लोग इस लालच में आ गए और करोडों रूपए कंपनी में निवेश हो गया। कंपनी के पास पैया आने पर उसे ब्याज पर दिया गया,कंपनी को उम्मीद थी कि मोटा ब्याज लेने के बाद उसमें से कुछ अंश निवेशकर्ताओ को लाभ के रूप में दे दिया जायगा,जबकि यह शुद्व रूप से ब्याज का रूपया था। कंपनी ने ऐसा इसलिए किया क्याकि इस्लाम धर्म में ब्याज लेना और देना दोनों ही पाप माने जाते है। ऐसे में मुस्लिम आबादी पैसा नहीं लगाती,कंपनी ने ब्याज को कंपनी लाभ बताया और 36 हजार रूपण् साल देने का वायदा किया। कुछ दिन तक लोगों ने कंपनी में लोखों रूपए निवेश किए,लेकिन फिर कंपनी से पैसा नहीं मिलने पर लोगों ने पुलिस को शिकायत करना शुरू किया। पुलिस को आईएमए के मलिक मसूर खान के खिलाफ लगभग 25 हजार शिकायतें मिलीं। इस दौरान मसूर खान भाग गया और कंपनी बंद हो गई। पुलिस को मसूर खान का एक पत्र मिला है जिसमें उसके द्वारा आत्महत्या करने की बात लिखी गई है। पत्र में लिखा है कि विधायक रोशन बेग ने उसके 400 करोड लेने के बाद नहीं लौटाए इसलिए वो निवेश करने वालों के पैसा नहीं लौटा सका।

इस ममाले में सरकार जांश शुरू कर रही है। जिसमें विधायक रोशन बेग भी दायरे मे है। वहीं विधायक ने रोशन बेग कहा है कि उन्हें फंसाया जा रहा है। उनका मसूर खान से कोई लेन देन नहीं है।

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