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नेपाल के पहाड़ी इलाके में फंसे भारत के 1500 से अधिक कैलास मानसरोवर तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालने का काम तेज

खराब मौसम की वजह से तिब्बत के पास । नेपाल नेपाल के पहाड़ी इलाके में फंसे भारत के 1500 से अधिक कैलास मानसरोवर तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालने का काम तेज कर दिया गया हैस्थित भारतीय दूतावास के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि अब तक 104 भारतीय तीर्थयात्री सिमिकोट से निकाले गए हैं।

अधिकारी के मुताबिक, बचाव कार्य में अब तक सात वाणिज्यिक उड़ानें संचालित की गई हैं। सिमिकोट और तिब्बत में दूतावास के दो-दो कर्मचारियों को जरूरी सुविधाओं के साथ तैनात किया गया है ताकि फंसे तीर्थयात्री भारत में अपने परिजनों से संपर्क कर सकें। बचाए गए तीर्थयात्रियों को भारत की सीमा के नजदीक नेपालगंज ले जाया गया है।
बता दें कि कैलास मानसरोवर से वापसी के दौरान भारी बारिश के कारण फंसे इन तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए भारत ने नेपाल से मदद मांगी थी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि करीब 525 तीर्थयात्री सिमिकोट, 550 हिलसा में और करीब 500 तीर्थयात्री तिब्बत की तरफ फंसे हुए हैं।
सुषमा ने एक के बाद एक किए गए अपने ट्वीट्स में कहा था कि भारत ने तीर्थयात्रियों एवं उनके परिवारों के लिए हॉटलाइन स्थापित की है। लोगों को तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषाओं में सूचनाएं मुहैया कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि हिलसा में हमने पुलिस अधिकारियों से जरूरी सहायता मुहैया कराने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि तिब्बत इलाके में स्थित कैलाश मानसरोवर हिंदुओं, बौद्ध एवं जैन धर्म के लोगों के लिए पवित्र स्थान माना जाता है। हर साल सैकड़ों भारतीय तीर्थयात्री वहां जाते हैं।

नेपाल सरकार से सेना का हेलीकाप्टर मांगा
भारतीय दूतावास ने सभी टूर ऑपरेटरों से जहां तक संभव हो तिब्बत की ओर से तीर्थयात्रियों को वापस लाने के लिए कहा है। यही नहीं भारत सरकार ने नेपाल से वहां फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सेना का हेलीकाप्टर मुहैया कराए जाने का भी आग्रह किया है।

वैकल्पिक उपायों पर भी हो रहा विचार
भारतीय दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यात्रा के नेपालगंज, सिमिकोट, हिलसा रास्ते पर लगातार नजर रखी जा रही है क्योंकि मौसम खराब बना हुआ है। तीर्थयात्रियों को सिमिकोट से निकालने के लिए वैकल्पिक उपायों पर भी विचार हो रहा है।

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