लखपति दीदी मंजू राजवाड़े को सुशासन से मिला स्वावलंबन

रायपुर :  महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए शासन द्वारा संचालित योजनाएं धरातल पर सार्थक साबित हो रहीं हैं। इसी कड़ी में सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड निवासी मंजू राजवाड़े ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से एक सफल उद्यमी बनने की कहानी को फलीभूत की हैं। उनकी कहानी से क्षे़त्र की  अनेक महिलाओं को प्रेरणा मिली हैं और वे लखपति दीदी के रूप में एक मिसाल बनकर सामने आई है।

    लखपति दीदी मंजू राजवाड़े ने बताया कि उनके पति श्री रुपचंद राजवाड़े कृषि कार्य से जुडे़ हैं। उन्होंने बताया कि पहले उनकी घर आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी। घर परिवार की जिम्मेदारी और आर्थिक तंगी से जूझ रही थीं। इस दौरान मंजू राजवाड़े को छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना के बारे में जानकारी मिली और बिहान योजना से जुड़कर उनकी जीवनशैली में बड़ा बदलाव आया है।

    गौरतलब है कि मंजू राजवाड़े ने गांव की 10 महिलाओं के साथ मिलकर ‘‘खुशी स्व-सहायता समूह’’ बनाया। महिला समूह के माध्यम से बैंक में खाता खोलकर छोटी-छोटी राशि की बचत करने लगे। सबसे पहले उन्हें व्यवसाय के लिए रिवोल्विंग फंड में 15 हजार रुपए की सहायता मिली। जिससे उन्होंने अपने कच्चे मकान में छोटा सा किराने की दुकान खोली। कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प से किराने की दुकान अच्छी चलने लगी। बैंक से लगातार लेन-देन होने पर उनका क्रेडिट बढ़ते ही चला गया। जिसके कारण बैंक से लोन लेकर उन्होंने अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ाया। उन्होंने गांव में छोटी सी दुकान से शुरुआत की थी। आज किराना दुकान के साथ-साथ उन्होंने चप्पल जुता और कपड़े का भी दुकान खोल लिया है। मेहनत और कठिन परिश्रम से उन्होंने अपना पक्का मकान भी बना लिया है। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से उनकी जीवनशैली में बड़ा बदलाव लाया है। वर्तमान में उनकी सालाना बचत एक लाख रुपए तक हो जाती है।   

    छत्तीसगढ़ शासन की बिहान योजना से जुड़कर राजवाड़े आज लखपति दीदी की सूची में शामिल हैं। उन्होंने महिलाओं को रोजगार और स्वावलंबी बनाने के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए अपनी खुशी जाहिर की। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना से जुड़कर महिलाएं अपने सपनों को पूरा कर रही हैं।

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