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किसान आंदोलनः आठवां दौर और आठ तारीख क्या निकल पायेगा हल

– चालीस दिन से दिखा रहे है किसान अपनी ताकत
– अखिलेश यादव के टवीट से भी चर्चा में गर्माई सियास
दिल्ली। देश में इस समय किसान आन्दोलन सियासत की मुख्य केन्द्र में आ गया है। आज दो बजे से किसान संगठन और सरकार के बीच चर्चा होनी है। इसके लिए किसान नेता विज्ञान भवन के लिए रवाना हो गए है। दूसरी तरफ गुरुवार को ही किसान मार्च के माध्यम से अपनी ताकत दिखा चुके हैए किसानों द्वारा निकाले गए मार्च को पूरे देश में समर्थन मिल रहा है तो वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा किये गए टवीट पर भी सियासत गर्माने लगी है।
गौरतलब है कि किसान आन्दोलन में गुरुवार को किसानों मार्च निकाला इसमें भारी संख्या में टेक्टर शामिल किए गए थे। महिला किसानों की भी भागीदारी रही, अब तक किसानों के बीच 7 दौर की बात हो चुकी है। इसमें परिणाम के नाम पर दो बिंदुओं पर सहमति ही बनी है। शुक्रवार दो बजे से किसान और सरकार के बीच बात होना है। इस चर्चा में शामिल होने के जाने से पहले किसान नेता राकेश टिकेत ने कहा है कि उम्मीद के साथ बैठक में होने जा रहे है। किसान और सरकार के बीच हो रही बैठक में क्या होगा इस पर पूरे देश की निगाहें इस समय टिकी हुई है।
किसानों को मिली नई उर्जा
गुरुवार को किसान संगठन जो कि आन्दोलन कर रहे है। उनके द्वारा टेक्टर मार्च निकाला गया था। इस मार्च ने किसान और किसान नेताओं को नई उर्जा प्रदान की है। आत्मविश्वास से लबरेज किसान नेता अब कहते हुए नजर आ रहे है कि यह तो महज टेलर था असली पिफल्म तो वह गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाली परेड में शामिल होकर दिखाएंगे, इसकी तैयारियां किसानों द्वारा की जा रही है। जैसे जैसे किसानों की तैयारियां बढ रही है। केन्द्र सरकार की भी टेंशन बढ रही है।
किसान के लिए भारत बोले
आन्दोलन कर रहे किसानों के समर्थन में कांग्रेस भी अब खुलकर सामने आ गई हैय कांग्रेस शुक्रवार को किसानों के समर्थन में सोशल मीडिया अभियान छेड दिया है वहीं कांग्रेस नेता व पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान के लिए भारत बोले अभियान के तहत वीडियो जारी कर कहा किशांतिपूर्ण आंदोलन लोकतंत्र का एक अभिन्न हिस्सा होता है। हमारे किसान बहन.भाई जो आंदोलन कर रहे हैंए उसे देश भर से समर्थन मिल रहा है। आप भी उनके समर्थन में अपनी आवाज़ जोड़कर इस संघर्ष को बुलंद कीजिए ताकि कृषि.विरोधी क़ानून ख़त्म हों। कांग्रेस महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा इस कंपकपाती ठंड में कोरोना के बढ़ते प्रकोप में किसान 42 दिनों से दिल्ली के निकट आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही। इस सरकार के लिये लोकतंत्र के अंदर जनता की आवाज का कोई मूल्य नहीं है। इसके अलावा अन्य सियासी दल भी किसानों का समर्थन करते नजर आ रहे हैं।
अब किसकी तासीर है जहर
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शैर के माध्यम से टवीट कर अपनी बात कही है, वह शैर है बदलने का चाहे करें वो वादा कड़वाहट को मिठास में, पर जिसकी तासीर में जहर है वो चीज कैसे बदलेगी। उन्होंने किसान मुद्दों को लेकर ही ट्वीट किया है। उत्तर प्रदेश के सीएम के इस टवीट के बाद से इसके मायने तलाशे जा रहे है। लोग कह रहे है कि आखिर किसकी तासीर में जहर हैय इस पर सोशल मीडिया पर बहस छिड गई है।

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