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कश्मीरियों के हिमायती बने बैठे है उनके बच्चे विदेशों में पढ रहे और तुम्हारे हाथों में पत्थर थामा दिए

भारत में रहने वाले मुस्लमानों को सरकारों ने जितना नही छला उससे कही अधिक भारत विरोधी मुस्लिम नेताओं और उनके हिमायती बनने वालों ने छला है। इसका सीधा और साफ सबूत यह है कि कश्मीर में बच्चों और युवाओं के हाथ में पत्थर थामने वालों के बच्चें विदेश में पढ रहे हैं या अच्छी नौकरी कर मजेदार जीवन जी रहे है,जबकि कश्मीर में रहने वाले भारत विरोधियों ने यहां स्कूल कॉलजे बंद करवा दिए या बच्चों को पढने के लिए माना कर दिया।

गृह मंत्रालय ने हाल में ऐसे भारत विरोधियों की सूची जारी की है जिनके बच्चे विदेशों में अच्छे संस्थानों में पढाई कर रहे है या नौकरी करते है। ऐसे 112 भारत विरोधी लोग हैं जिनके कुल 220 बच्चे विदेशों में है। जिसमें हुर्रियत के नेता भी शामिल हैं।

कश्मीर में स्कूल-कॉलज बंद किए गए

कश्मीर में रह कर भारत विरोधी कार्य में लगे कथित नेता वहां स्कूल और कॉलेजों में आग लगावा देते है, कही शहरों में स्कूल बंद करवा दिए गए है। उन्होंने स्कूल और कॉलेज जाने वाले बच्चों के हाथों में पत्थर थामा दिए है। इनका कोई बच्चा कश्मीर में पत्थरबाजी करता हुआ नही देख गया या पकडा गया। इनके बच्चे इस तरह की किसी भी गतिविधियों में शामिल नहीं होतें है।

-जारी की गई सूची

  • सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नीलम गिलानी ने पाकिस्तान में एमबीबीएस की पढ़ाई की है।
    हुर्रियत के नेता मीरवाइज उमर फारूक की बहन राबिया फारूक अमेरिका में डॉक्टर हैं और वो वहीं रहती हैं।
    बिलाल लोन के बेटी-दामाद ब्रिटेन में रहते हैं हैं और उनकी छोटी बेटी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रही है.
    अलगाववादी मोहम्मद शफी रेशी का बेटा अमेरिका से पीएचडी कर रहा है।
    अशरफ लाया की बेटी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है।
    डेमोक्रैटिक मूवमेंट लीडर ख्वाजा फरदौस वानी की बेटी भी पाकिस्तान में मेडिकल कोर्स कर रही है।
    वहीदत-ए-इस्लामी नेता निसार हुसैन राठेर की बेटी ईरान में काम करती है और अपने पति के साथ रहती है।
    मुस्लिम लीग के नेता मुहम्मद युसूफ मीर और फारूक गपतुरी की बेटियां भी पाकिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं।
    तहरीक-ए-हुर्रियत के चेयरमैन अशरफ सेहराई के दो बेटे खालिद और आबिद अशरफ सऊदी अरब में काम करते हैं और वहीं रहते हैं।
    जमात-ए-इस्लामी के सदर गुलाम मुहम्मद बट का बेटा सऊदी अरब में डॉक्टर है।
    दुख्तरान-ए-मिल्लत की आसिया अंद्राबी के दो बेटे विदेश में पढ़ते हैं, उनका बेटा मुहम्मद बिन कासिम
    मलयेशिया और अहमद बिन कासिम ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करता है।

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