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अच्छी पहल: सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का जल्द ही हिन्दी में भी होगा अनुवाद

सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का शीघ्र ही हिंदी में भी अनुवाद किया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि हम चाहते हैं कि जो फैसले सुप्रीम कोर्ट देता है वह वादी के समझ में आना चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मान लीजिए कोई व्यक्ति 30 साल तक मुकदमा लड़ता है और उसके बाद आए अंग्रेजी में आए फैसले में उसे घर-संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता है। अगर वह अंग्रेजी में दिए इस फैसले को पढ़ नहीं सकता और उसका वकील भी समय के आभाव में उसे पूरा फैसला समझाता नहीं है या फिर इसके लिए पैसे की मांग करता है तो यह स्थिति ठीक नहीं है।

गोगोई ने कहा कि हम अगर फैसले का उसकी भाषा में अनुवाद करवा देंगे तो उसे समझने में आसानी होगी। जस्टिस गोगोई ने कहा कि हम यह प्रोजेक्ट जल्द शुरू करेंगे, पहले यह हिन्दी में होगा उसके बाद इसे क्षेत्रीय भाषाओं में शुरू किया जाएगा।

फैसलों की समरी मिलेगी
जस्टिस गोगोई ने कहा कि प्रमुख फैसलों का संक्षिप्त रूप भी उपलब्ध करवाने पर बात हो रही है। जैसे ट्रिपल तलाक का फैसला चार सौ पन्नों में था लेकिन इसकी समरी कुछ पन्नों में ही बन सकती है। इसके लिए थिंक टैंक बनाया गया है जो यह काम करेगा। फैसलों की समरी को फैसला देने वाले जजों की मंजूरी के बाद ही सार्वजनिक किया जाएगा।

चार जजों की रिकार्ड समय में नियुक्ति आश्चर्यजनक
जस्टिस गोगोइ ने सुप्रीम कोर्ट के लिए चार जजों की नियुक्ति में केंद्र सरकार द्वारा दिखाई गई तेजी पर आश्चर्य जताया है। उन्होंने कहा कि जब बुधवार को सुबह सूचना मिली कि जजों का मेडिकल हो गया है तो उन्हें आश्चर्य हुआ। उसके बाद गुरुवार को अधिसूचना जारी हो गई। उन्होंने कहा, ‘जितने आश्चर्य में आप लोग हैं उतनी हैरानी में मैं भी हूं।’ इन जजों को शुक्रवार को शपथ भी दिलवा दी गई।

‘इतिहास नहीं रचा, मैं भी पैकअप कर चला जाऊंगा’
उत्तर पूर्व से आकर पहले मुख्य न्यायाधीश बनने का इतिहास रचने की बात पर जस्टिस गोगोई ने कहा,‘तो क्या हुआ, मैं भी कुछ दिन बाद पैकअप कर चला जाऊंगा।’ उनके साथ जस्टिस एसए बोब्डे भी थे। उन्होंने कहा, ‘मेरे बाद जस्टिस बोब्डे देश के मुख्य न्यायाधीश होंगे।’ उन्होंने हंसकर कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए(मुख्य न्यायाधीश की वरिष्ठ जज को मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश करते हैं)। जस्टिस बोब्डे सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता में पांचवे नंबर पर हैं। लेकिन अगले वर्ष नवंबर तक चार जजों के रिटायर होने के बाद वह दूसरे नंबर पर आ जाएंगे।

हम इंसान हैं, गलती हो सकती है: गोगोई
एक सवाल के जवाब में जस्टिस गोगोई ने कहा कि गुजरात हाईकोर्ट में वरिष्ठ जज जस्टिस कुरैशी ही कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें वरिष्ठता में कम दिखाने की गलती हो गई थी जिसे दुरुस्त कर लिया गया है। उन्होंने पूछा कि क्या हमसे गलती नहीं हो सकती। हम भी इंसान हैं। जस्टिस गोगेाई ने कहा कि कुरैशी को स्थानांतरित कर दिया गया है और उनसे 15 नवंबर तक नई जगह चार्ज लेने के लिए कहा गया है। वह 14 नवंबर तक गुजरात में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहेंगे। गुजरात में वकीलों की हड़ताल पर जस्टिस गोगोई ने कहा कि वकील इस मामले में क्या सोचते हैं उन्हें इससे कोई लेना देना नहीं है।

वीडियो रिकॉर्डिंग के आदेश के बारे में पता नहीं
सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाहियों की वीडियो रिकार्डिंग करने के आदेश के बारे में जस्टिस गोगोई ने हंसते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता ऐसा कोई आदेश है। यह आदेश उनके पूर्ववर्ती मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा देकर गए थे। यह बताने पर कि आदेश वेबसाइट पर उलपब्ध है और वीडियो रिकार्डिंग मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट से ही शुरू करने के लिए कहा गया है। जस्टिस गोगोई ने कहा कि ऐसा कोई आदेश है तो देखते हैं।

सुप्रीम कोर्ट का प्रशासनिक पक्ष कमजोर
जस्टिस गोगोई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में प्रशासिनक मामला बहुत कमजोर है। हमारा स्टाफ मुकदमों की सुनवाई और उसके फैसलों के लिए काम करने तक सीमित है। प्रशासन के बारे में उनकी सोच अलग है। इस दिशा में काम किया जा रहा है। जस्टिस गोगोई अगले वर्ष नवंबर में रिटायर होंगे

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