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चीन-पाकिस्तान के दुष्प्रचार का जवाब देने के लिए भारत ने उठाया ये कदम

लोकसभा चुनाव से पहले भारत और इसकी सरकार को लक्ष्य कर चीन और पाकिस्तान से चलाए जा रहे दुष्प्रचार का जबाब देने के लिए केंद्र ने अरुणाचल प्रदेश से लेकर राजस्थान की सीमा तक डेढ़ दर्जन एफएम चैनल शुरू किए हैं। हाल में दोनों पड़ोसी देशों से भारत विरोधी दुष्प्रचार बढ़ने के बाद यह कदम उठाया गया है। पाक सीमा के करीब जम्मू-कश्मीर में उच्च शक्ति वाला एक ट्रांसमीटर भी लगाया गया है, ताकि डीडी कश्मीर की पहुंच को व्यापक बनाकर पाक के चैनलों का झूठ बेनकाब किया जा सके।

चीन और पाकिस्तान से भारत विरोधी दुष्प्रचार पहले भी होता रहा है, लेकिन अब उसे राजनीतिक रंग भी दिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, इन देशों से भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में मोदी सरकार को लक्ष्य कर चीनी ट्रासमीटरों से प्रचार अभियान चलाया जा रहा है। इसमें डोकाला में चीन की जीत और भारत के दावे को गलत बताया जा रहा है। खास बात यह है कि चीन से भारतीय भाषाओं में भी प्रचार किया जा रहा है। अरुणाचल प्रदेश में स्थानीय भाषा का इस्तेमाल कर चीन यह भी बता रहा है कि वह उसी का हिस्सा है और उसकी भाषा का चीन पूरी तरह सम्मान करता है।

पाक टीवी चैनलों को भी जबाब :
इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में उच्च शक्ति वाला एक ट्रांसमीटर लगाया गया है जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में डीडी कशीर की पहुंच को बढ़ाया गया है। इन क्षेत्रों में पाक टीवी चैनलों की व्यापक पहुंच है और वहां से भारत विरोधी जहर उगला जा रहा है।

भारत से ज्यादा मोदी सरकार पर निशाना
पाकिस्तान की तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़े कर भारत में सीमावर्ती लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। पिछले कुछ महीनों से दोनों पड़ोसी देश भारत से ज्यादा मोदी सरकार को निशाना बना रहे है। इससे निपटने के लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश में आठ, नेपाल से लगती सीमा पर बिहार और उत्तर प्रदेश में पांच, जम्मू-कश्मीर में तीन और पाक सीमा पर राजस्थान में दो एफएम चैनल शुरू किए हैं। इन चैनलों से चीन और पाकिस्तान के दुष्प्रचार का करारा जबाब दिया जा रहा है

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