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इमरान खान का राष्ट्र को पहला संबोधन : 280 खरब रूपये के कर्ज से दबा पाक, हम बदलेंगे हालात

पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि देश 280 खरब रुपये के कर्ज से दबा हुआ है। उन्होंने पिछली पीएमएएन-सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि देश पिछले 10 साल में जितना कर्जदार बन गया, उतना अपने पूरे इतिहास में कभी नहीं रहा। 22वें प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यालय संभालने के बाद देश को अपने पहले संबोधन में इमरान ने पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियों और स्वास्थ्य क्षेत्र की कमियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने इतिहास में कभी ऐसे आर्थिक हालात का सामना नहीं किया, जैसा आज कर रहा है। हमारे ऊपर 280 खरब रुपये का कर्ज है। हम अपने पूरे इतिहास में इस तरह कर्जदार कभी नहीं रहे, जैसे पिछले 10 साल में हो गए हैं।

इमरान ने कहा, हमें हमारे कर्ज पर जो ब्याज देना है, वह इस स्तर पर पहुंच चुका है कि उसको चुकाने के लिए हमें और अधिक कर्ज लेना पड़ेगा। हमारे बाहरी कर्जे इस स्तर पर पहुंच चुके हैं कि हमें यह सोचना है कि हम उनसे कैसे निपटेंगे। उन्होंने कहा कि एक तरफ हम इतने कर्जों से दबे हैं और दूसरी तरफ हमारा मानव विकास सूचकांक काफी खराब है।

स्वास्थ्य क्षेत्र की दुर्दशा का जिक्र करते हुए इमरान ने कहा, मौजूदा दौर में हमारा देश उन पांच देशों में शामिल है, जहां दूषित पानी के इस्तेमाल के कारण नवजात मृत्युदर सर्वाधिक है। हमारे यहां गर्भवती महिलाओं की मृत्युदर सबसे ज्यादा है। दुर्भाग्य से हम उन देशों में शामिल है जहां 45 फीसदी से अधिक बच्चे कुपोषण के कारण मर जाते हैं। उन्होंने कहा, मैं यह सब इसलिए बता रहा हूं क्योंकि हम इन तमाम चीजों को बदलने की कोशिश करेंगे।

उन्होंने पाकिस्तान की अवाम का आह्वान करते हुए कहा कि वे एकजुट होकर गरीबी का उन्मूलन करने, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में सुधार करने और बच्चों को उचित पोषण प्रदान करने में उनकी मदद करें। इमरान ने देश में अमीरों और गरीबों के बीच की अंतर का जिक्र करते हुए कहा, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पास 524 नौकर, 80 कार और 33 बुलेट प्रूफ कार होती है। एक गरीब देश होने के बावजूद इन सरंजाम के लिए पांच करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। एक तरफ गरीब देश है और दूसरी ओर कुलीन शासक तबका, जो ब्रिटिश की तरह रहता है, जिन्होंने हमें गुलाम बनाया था। इमरान ने कहा कि हम इस हालात को बदलने का प्रयास करेंगे।

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