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मप्र स्वास्थ्य अधिकारियों की लपरवाही पर मानव अधिकार आयोग ने शासन को जारी किया नोटिस

मध्यप्रदेश। मंगलवार को मानव अधिकारी आयोग ने मप्र स्वास्थ्य अधिकारियों की लपरवाही पर संज्ञान लेते हुए शासन को नोटिस जारी किया है। मप्र शासन को नोटिस का जबाव 9 अप्रैल शाम 5 बजे तक देना होगा। मानव अधिकार आयोग द्वारा जारी नोटिस में कहा गया कि कि दैनिक भास्कर समाचार पत्र में प्रकाशित खबर जिसका शीर्षक जिन पर सबसे ​बडी जिम्मेदारी उन्हीं की बेपरवाही बदस्तूर जारी है..। इस खबर और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा द्वारा आयोग को इस खबर की कटिंग सहित भेज कर आयोग से संज्ञान लेने का आग्रह किया था। आयोग ने तथ्यों के अ​धार पर इस मामले में संज्ञान लिया है।

–मानव अधिकार आयोग ने इन सवालों के मांगे जवाब

  • मानव अधिकार आयोग ने शासन से पूछा है कि समाचार पत्र में प्रकाशित स्वास्थ्य अधिकारियों के नाम को देखते हुए बताए कि इनकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट किस तारीख और समय पर प्राप्त हुई?
  • स्वास्थ्य अधिकारियों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के तत्काल बाद उन्हें अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती क्यों नहीं किया गया?
  • स्वास्थ्य विभाग के ऐसे कितने अधिकारी और कर्मचारियों की कोरोना वायरस से संक्रमण की पॉजिटिव रिपोर्ट प्राप्त हुई है,जो समाचार पत्र में उल्लेखित अधिकारियों के निरंतर सम्पर्क में थे। क्या पॉजिटिव रिपोर्ट प्राप्त होने पर संपर्क में आये स्वास्थ्य विभाग के इन अधिकारियों एंव कर्मचारियों को आईसोलेशन वार्ड में रखा गया या नहीं?
  • समाचार पत्र में जिन अधिकारियों के नाम का उल्लेख है उनके कोरोना संक्रमण पॉजिटिव रिपोर्ट प्राप्त होने पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के किन संबधित अधिकारियों का यह दायित्व था कि डनहें तत्काल अस्पताल ले जाकर आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कराते। अत तत्काल भर्ती नहीं कराने के लिए संबधित अधिकारियों के विरूद्व क्या कार्यवाही की गई ? कथित दायित्वों का निर्वहन राज्य और केंद्र शासन के निर्देशों के अनुसार नहीं करने के लिए कौन अधिकरी जिम्मेदार है? उक्त दिनॉक को इस कर्तव्य का निर्वहन किस अधिकारी को करना था ?

                                     

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