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Garbage Cafe : सड़कों से प्लास्टिक बीनकर लाएं और मुफ्त भोजन और नश्ता करें

— देश का पहला गार्बेज कैफे आज से अंबिकापुर में शुरू
— स्वच्छता अभियान की तरह गार्बेज कैफे योजना
— नगर निगम करेगा गार्बेज कैफे का संचालन

छत्तीसगढ। देश में अनोखी पहल है यहां शहर की सडकों से बीनकर प्लास्टिक लाकर देने पर मुफ्त भोजन और नश्ता करें दिया जाएगा। इस तरह का यह अनोखा कैफे प्रदेश के अंबिकापुर जिले में आज 9 अक्तुबर 2019 बुधवार से शुरू हो रहा है। कैफे का संचालन गार्बेज कैफे योजना के तहत किया जाएगा। इस योजना को नगर निगम के माध्यम से संचलित किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार गार्बेज कैफे पर शहर की सड़कों से एक किलो प्लास्टिक लाने पर मुफ्त में भोजन और आधा किलो पर नाश्ता दिया जाएगा। भोजन में दाल,रोटी,चावल, दो सब्जी, रायता, अचार पापड़ और मिठा भी ​दिया जाएगा। इसी तरह नाश्ते में पूड़ी सब्जी, इडली, समोसे कचौरी परोसे जाएंगे। योजना के तहत नगर निगम ने एक व्यक्ति के खाने पर 40 और नाश्ते पर 20 रुपए खर्च का प्रावधन किया है। गार्बेज कैफे 24 घंटे खुला रहेगा। बुधवार को देश के पहले गार्बेज कैफे की शुरूआत छत्तीसगढ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव करेंगे।

अंबिकापुर नगर निगम महापौर डाॅ. अजय तिर्की ने बताया कि अंबिकापुर के स्वच्छता अभियान की तरह गार्बेज कैफे योजना शुरू की जा रही है। शहर के प्रतीक्षा बस स्टैंड से गार्बेज कैफे का संचालन किया जाएगा। इससे लगे एसएलआरएम सेंटर में प्लास्टिक खरीदने के बाद टोकन जारी किए जाएंगे। इसी टोकन के आधार पर गार्बेज कैफे में भोजना और नाश्ता दिया जाएगा। दोनों जगहों पर सीसीटीवी से निगरानी की व्यवस्था की जाएगी। नगर निगम द्वारा गार्बेज कैफे का संचालन ठेके पर दिया गया है।

— प्लास्टिक का क्या करेगा निगम

नगर निगम के एसएलआरएम सेटरों में प्लास्टिक कचरा लेने के बाद उस कचरे को रिसाइकिल कर ग्रेनुअल तैयार किया जाएगा। जिससे शहर की सड़कें बनाई जाएगी। इस तरह की सडकों का निर्माण करने वाले जानकार बताते है कि ग्रेनुअल के मिश्रण से बनने वाली सड़कें अधिक मजबूत होती और इनकी उम्र भी अधिक है।

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