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अखिलेश के कानून को SC ने किया रद्द, पूर्व मुख्‍यमंत्रियों को खाली करना पड़ेगा सरकारी बंगला

लखनऊ। देश की सर्वोच्‍च न्‍यायालय सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्रियों के आवासीय सुविधा को समाप्‍त कर दिया है, जिसके बाद से राजनीतिक गलियारे में सरगर्मी तेज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद यूपी के सभी पूर्व मुख्‍यमंत्रियों को अपना सरकारी आवास खाली करना पड़ेगा।

उत्‍तरप्रदेश में पूर्व की अखिलेश सरकार की ओर से 2016 में एक कानून पारित किया गया था। इस कानून के अंतर्गत यूपी के सभी पूर्व मुख्‍यमंत्री आजीवन सरकारी आवास में रह सकते थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अखिलेश सरकार के इस कानून को रद्द करते हुए सोमवार को यह फैसला सुनाया जिसके तहत अब पूर्व मुख्‍यमंत्रियों को अपने सरकारी आवास खाली करने होंगे।

कोर्ट ने अपने दिए फैसले में कहा कि एक्ट का सेक्शन 4(3) असंवैधानिक है। अब कोर्ट के इस आदेश के बाद जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने बंगले खाली करने होंगे, उनमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह, बीएसपी प्रमुख मायावती, पूर्व मुख्‍यमंत्री मुलायम सिंह यादव, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी और अखिलेश यादव शामिल हैं। इन सभी को विगत दो माह के भीतर सरकारी आवास खाली करना पड़ेगा।

बता दें कि अखिलेश सरकार में पूर्व मुख्‍यमंत्रियों के लिए आजीवन सरकारी आवासीय सुविधा देने को लेकर बनाए गए कानून को चुनौती देते हुए लोक प्रहरी’ नामक एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में अगस्त 2017 में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की थी। इस याचिका में मांग की गई कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी खर्च पर इस तरह सरकारी आवास देना गैरकानूनी है। इस पर हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया है।

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