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माता-पिता ने ठुकराया तो रोनाल्डो को फुटबॉल ने अपनाया

ब्राजील के महान फुटबॉलर रोनाल्डो दो वर्ल्ड कप जीतने वाले दुनिया के चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक हैं। 90 के दशक में रोनाल्डो की तूती बोलती थी। बचपन में माता-पिता के अलगाव के बाद रोनाल्डो का स्कूल भी छूट गया। नन्हे रोनाल्डो के लिए यह किसी आघात से कम नहीं था। ऐसे में उन्होंने फुटबॉल से दिल लगाया और सबकुछ भूल इस खेल में शिखर तक पहुंचे…..

माता-पिता अलग हुए और रोनाल्डो अनाथ
रोनाल्डो का जन्म 18 सितंबर, 1961 में ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में हुआ। वह अपने तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे और उनका परिवार बेहद गरीब था। रोनाल्डो का बचपन बेहद तनाव में बीता। जब वह 11 साल के थे, तब उनके माता-पिता के बीच लड़ाई-झगड़ा बढ़ गया और वे अलग हो गए। दोनों में से किसी ने भी रोनाल्डो की चिंता नहीं की और उन्हें नहीं अपनाया। इस कारण रोनाल्डो का स्कूल जाना भी छूट गया। इस समय रोनाल्डो ने गली-मोहल्लों में होने वाले छोटे टूर्नामेंट में खेल कमाई की। इस मुश्किल दौर में रोनाल्डो ने फुटबॉल को अपनाया और इसी खेल में भविष्य तराशने का फैसला किया।

पांच गोल कर सुर्खियों में आए
1993 में रोनाल्डो ने 16 साल की उम्र में क्रुजेरियो क्लब से करियर की शुरुआत की। रोनाल्डो 7 नवंबर 1993 में बाहिया क्लब के खिलाफ खेले गए में मैच में पांच गोल करके पहली बार सुर्खियों में आए। रोनाल्डो ने 47 मैच में 44 गोल दागे और क्लब को पहली बार कोपा डो ब्राजील कप भी जिताया। रोनाल्डो पीएसवी, बार्सिलोना, इंटर मिलान, रियाल मैड्रिड में भी खेले। रोनाल्डो ने तीन वर्ल्ड कप खेलते हुए कुल 15 गोल दागे और 4 गोल करने में मदद की। उन्होंने 2 बार ‘बेलोन डि ऑर’ व तीन बार फीफा वर्ल्ड प्लेयर अवॉर्ड जीता।

साल 2011 में फुटबॉल को कहा अलविदा
रोनाल्डो 1994 वर्ल्ड कप की विजेता ब्राजीली फुटबॉल टीम के सदस्य रहे, लेकिन रिजर्व बेंच पर बैठे रहे। 1998 वर्ल्ड कप में रोनाल्डो ब्राजील को विश्व खिताब नहीं दिला सके, फाइनल में फ्रांस ने ब्राजील को 3-0 हरा दिया। इस वर्ल्ड कप में रोनाल्डो ने चार गोल दागे। इसके बाद 2002 वर्ल्ड कप में रोनाल्डो ने ब्राजील को विश्व चैंपियन का ताज पहनाया। फाइनल में ब्राजील ने जर्मनी को 2-0 से हराया और दोनों ही गोल रोनाल्डो ने किए। इस विश्व कप में रोनाल्डो ने कुल 8 गोल दागे और ‘गोल्डेन बूट’ अपने नाम किया। ब्राजील ने पांचवीं बार विश्व कप खिताब जीता। 2006 में उन्होंने तीसरा वर्ल्ड कप खेला पर टीम विफल रही। 2011 में रोनाल्डो ने संन्यास लिया।

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