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फेसबुक का नया फंडा: अधेड़ पुरुषों से ‘दोस्ती’ बढ़ा सकेंगी टीनेज लड़कियां

फेसबुक टीनेज लड़कियों की अधेड़ मर्दों से दोस्ती बढ़ाने के लिए एक नया फंडा लेकर आया है. इसके लिए फेसबुक लड़कियों को ‘फ्रेंड सजेशन्स’ दे रहा है. एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 13 साल से ऊपर की लड़कियां, जो फेसबुक ज्वॉइन करती हैं, उनके लिए 300 से ज्यादा सजेशन्स दिए जा रहे हैं, जिन्हें वे दोस्त बना सकती हैं. इन सजेशन्स में ज्यादातर अधेड़ उम्र के मर्द हैं. हालांकि इनमें अधिकांश पुरुष ऐसे हैं जिनके प्रोफाइल पिक्चर में चेहरा नहीं दिखाया गया है.

इस बारे में फेसबुक का कहना है कि जो टीनेज लड़कियां नया-नया फेसबुक ज्वॉइन करती हैं, उनके लिए सुरक्षित सोशल नेटवर्किंग के सभी मानदंड अपनाए जा रहे हैं.

टीनेज लड़कियों के लिए फेसबुक के इस प्रयास की काफी आलोचना हो रही है. ब्रिटेन स्थित नेशनल सोसायटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टू चिल्ड्रन (एनएसपीसीसी) नामक संस्था ने सजेशन्स बंद करने का आग्रह किया है. एनएसपीसीसी की एसोसिएट हेड ने कहा, ‘ग्रूमर्स सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर बच्चों के फ्रेंडशिप ग्रुप में सेंधमारी करना चाहते हैं. लाइव स्ट्रीमिंग या इनक्रिप्टेड साइट्स के नाम पर दोस्ती बढ़ाई जा रही है, जहां उनका यौन उत्पीड़न काफी आसान है.’

एनएसपीसीसी ने कहा, ग्रूमर्स सोशल साइट्स पर बच्चों से दोस्ती गांठते हैं, उनके संपर्क का पता लगाते हैं, दोस्तों के दोस्त से फ्रेंडशिप बढ़ाते हैं, उन्हें फॉलोवर्स रिक्वेस्ट भेजते हैं, जबकि इसकी प्रामाणिकता की कोई जानकारी नहीं होती. इसलिए ऐसे सजेशन्स बंद किए जाने चाहिए.

एनएसपीसीसी की एसोसिएट हेड ने कहा, ‘सोशल साइट्स बच्चों के लिए सुरक्षित विकल्प देने में नाकाम रहे हैं. इसलिए गृह सचिव को कड़े कानून बनाने चाहिए ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और उन्हें किसी भी समझौते से परे रखा जा सके.’

अक्टूबर में फेसबुक ने अपने एक ऑटोमेटिक सॉफ्टवेयर के माध्यम से बच्चों की अश्लीलता से जुड़े 87 लाख यूजर इमेज हटा दिए थे. कंपनी का मानना है कि बच्चों की सुरक्षा से जुड़े हर मानदंड कंपनी अपनाती है. इसके बावजूद सामाजिक संस्थाएं फेसबुक पर दबाव बनाती रही हैं कि बच्चों की सुरक्षा के लिए सोशल साइट्स पर ग्रूमर्स की पहुंच खत्म की जाए.

फेसबुक के प्रवक्ता के हवाले से डेली मेल ने लिखा, ‘ग्रूमिंग गंभीर खतरा है और हमारी एक टीम बच्चों की सुरक्षा पर लगातार काम कर रही है. इसके लिए रिसर्चर और विशेषज्ञों की भी मदद ली जाती है.’ प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारे पास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम है जो बच्चों के साथ गलत संबंध बनाने वालों पर निगाह रखता है और उनके उत्पीड़न को कानून के दायरे में लाता है. हम बच्चों की सर्च काफी सीमित रखते हैं और अक्सर आगाह करते रहते हैं कि उन्हें ही फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजें या स्वीकार करें जिनसे आप परिचित हों

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