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बर्थडे स्पेशल: 37 के हुए धोनी, ऐसे हुई सफलताओं की बौछार

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का आज 37वां जन्मदिन है. धोनी फिलहाल भारतीय टीम के साथ इंग्लैंड के दौरे पर हैं और उनकी पत्नी साक्षी और बेटी जीवा भी उनके साथ ही हैं. एमएस धोनी टीम इंडिया का वो सितारा है, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को बहुत कुछ दिया है. धोनी जितने अच्छे खिलाड़ी हैं वो उतने ही अच्छे और शांत स्वाभाव के इंसान भी है. भारतीय क्रिकेट में 14 साल का उनका अब तक का सफर बेमिसाल रहा है.

1983 में जब लॉर्ड्स के मैदान पर कपिल देव की भारतीय टीम ने पहली बार विश्व कप ट्रॉफी उठाई थी तभी भारतीय क्रिकेट एक नई दिशा की ओर निकल पड़ा था. उसके बाद कई महान खिलाड़ी व कप्तान आए, कई बड़ी सफलताएं भी मिलीं लेकिन भारतीय क्रिकेट में सफलताओं की नई बौछार और जीतने की शानदार लत तब परवान चढ़ी जब रांची से आए लंबी लटों वाले एक लड़के ने अचानक टीम की कमान संभाल ली.

उस लड़के ने भारतीय क्रिकेट को उन ऊंचाइंयों तक पहुंचा दिया कि दोबारा पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ी. आज वो 36 साल के हो गए हैं. नाम है महेंद्र सिंह धोनी.

बचपन

7 जुलाई, 1981 को रांची में पान सिंह के घर जन्में महेंद्र सिंह धोनी बचपन से ही खेल के मैदान की ओर आकर्षित रहते थे. उनके परिवार में माता-पिता के अलावा उनकी बहन जयंती और भाई नरेंद्र भी हैं.

फुटबॉल था पहला प्यार

धोनी का पहला प्यार फुटबॉल रहा है. वे अपने स्कूल की टीम में गोलकीपर थे. फुटबॉल से उनका प्रेम रह रहकर ज़ाहिर होता रहा है. इंडियन सुपर लीग में वे उन्होंने चेन्यैन एफसी टीम के मालिक भी हैं. फुटबॉल के बाद उन्हें बैडमिंटन भी खूब पसंद था.

टीटीई के रूप में वो कुछ साल

क्रिकेट का रंग उन पर चढ़ चुका था और वो चर्चा में भी आ चुके थे लेकिन समय करवट बदलने के साथ-साथ अनेक परीक्षाएं भी ले रहा था जिस दौरान 2001 से 2003 के बीच वो भारतीय रेल में टीटीई की नौकरी करते नजर आए. दोस्तों के मुताबिक वो ईमानदारी से नौकरी करते थे और कई बार खाली समय में खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर मस्ती करने से भी नहीं चूकते थे.

इंटरनेशनल क्रिकेट में धमाकेदार एंट्री

भारत में जहां क्रिकेटरों को शीर्ष स्तर तक पहुंचने में जीवन लगा देना होता है, वहीं धोनी की प्रतिभा कुछ अलग ही थी. जूनियर क्रिकेट से बिहार क्रिकेट टीम, झारखंड क्रिकेट टीम से इंडिया ए टीम तक और वहां से भारतीय टीम तक का उनका सफर महज 5-6 साल में पूरा हो गया. उन्होंने 1998 में जूनियर क्रिकेट की शुरुआत की थी और दिसंबर 2004 में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच के जरिए अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज कर दिया.

पाकिस्तान के उड़ाए होश

धोनी बांग्लादेश के खिलाफ अपनी पहली सीरीज में कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन अगली सीरीज में पाकिस्तान के खिलाफ अपने पांचवें वनडे मैच में विशाखापट्टनम में 123 गेंदों पर 148 रनों की पारी खेलकर इस खिलाड़ी ने सबकी जुबां पर एक सवाल छोड़ दिया, ‘वो लंबे बालों वाला लड़का, धोनी कौन है?’

गाड़ियों व बाइक का शौक

महेंद्र सिंह धोनी मोटरबाइक्स के दीवाने हैं. उनके पास दो दर्जन लेटेस्ट मोटर बाइक मौजूद हैं. इसके अलावा उन्हें कारों का भी बड़ा शौक है. उनके पास हमर जैसी कई महंगी कारें हैं. इन के अलावा धोनी को मोटर रेसिंग से भी लगाव रहा है. उन्होंने मोटररेसिंग में माही रेसिंग टीम के नाम से एक टीम भी खरीदी हुई है.

साक्षी और जीवा का मिला साथ

करियर के शुरूआती दिनों में महेंद्र सिंह धोनी का नाम कई अभिनेत्रियों से जुड़ा था. लेकिन उन्होंने चार जुलाई 2010 को देहरादून की साक्षी रावत से शादी की. धोनी और साक्षी की एक बेटी भी है जिसका नाम जीवा है.

आईसीसी के तीनों ट्रॉफी के बॉस

महेंद्र सिंह धोनी इकलौते ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफी पर कब्जा जमाया है. धोनी की कप्तानी में भारत आईसीसी की वर्ल्ड टी-20 (2007), क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011) और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी (2013) का खिताब जीत चुका है.

टेस्ट में बेस्ट बनी टीम इंडिया

महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम की कप्तानी साल 2008 में संभाली थी. जब धोनी ने टीम की कप्तानी संभाली तो उनके पास कई चुनौतियां थी. जैसे की युवाओं को मौका देना और भविष्य के लिए टीम का निर्माण करना. धोनी ने उन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए भारतीय टीम को कई ऐतिहासिक पल दिए. भारत ने धोनी की कप्तानी में पहली बार नंबर एक बनने का स्वाद चखा.

टेस्ट से संन्यास के बाद भी नहीं कम हुई कमाई

दिसंबर 2014 में धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास की घोषणा कर दी. विदेश में अचानक संन्यास लिया, ऐसे में विराट कोहली को तुरंत कप्तानी सौंप दी गई. चयन काफी आसान था इसलिए टेस्ट क्रिकेट में बिना किसी बहस कप्तान की ताजपोशी हो चुकी थी.

एमएस धोनी दुनिया भर में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले क्रिकेटर रहे हैं. टेस्ट से संन्यास लेने से पहले उनकी औसत आमदनी 150 से 190 करोड़ रुपये सालाना थी, जिसमें अभी भी बहुत ज़्यादा की कमी नहीं हुई है.

वनडे-टी20 की कप्तानी को कहा अलविदा

साल 2014 में बीच ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर टेस्ट कप्तानी छोड़ने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2017 की शुरुआत में ही वनडे और टी20 कप्तानी को भी उसी अंदाज में अलविदा कहा, जिसके लिए वो जाने जाते हैं.

धोनी की उपलब्धियां

1 क्रिकेट वर्ल्ड कप

1 टी-20 वर्ल्ड कप

1 चैंपियंस ट्रॉफी

3 आईपीएल खिताब

2 चैंपियंस लीग टी-20 खिताब

9,967 वनडे रन+ विकेट के पीछे 404 शिकार

4,876 टेस्ट रन + विकेट के पीछे 294 शिकार

1,487 टी-20 इंटरनेशनल रन + विकेट के पीछे 82 शिकार

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