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चाणक्य’ की चाल में फंसे शिवराज, उल्टा न पड़ जाये ‘देशद्रोही’ दांव

भोपाल। मध्यप्रदेश में सियासी संग्राम का बिगुल बजने भर की देर है। पक्ष-विपक्ष एक-दूसरे की कमजोरियों पर वार करके सियासी मैदान में उतरने से पहले घायल करने की फिराक में हैं, यही वजह है कि जिस माध्यम से सवाल उठ रहे हैं, उसी माध्यम में जवाब भी मिल रहा है। अब दोनों दलों में देशभक्त और देशद्रोही साबित करने की होड़ मची है।

दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कांग्रेस की जड़ पर चोट करना चाहते हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि चाणक्य को चोटिल करने की उनकी रणनीति कामयाब हो जाती है तो विरोधी खेमे पर बढ़त बनाना आसान हो जाएगा। कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में भले ही कमल को नाथ बना दिया है, सिंधिया को लोगों को साधने की जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन बिना चाणक्य की चाल के न तो सिंधिया को किसी का साथ मिलेगा, न नाथ को कोई नाथ की संज्ञा दे पायेगा।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस तिनके की तरह बिखरी है, जिसे एकजुट करने की जिम्मेदारी चाणक्य को सौंपी गयी है क्योंकि चाणक्य के सिवाय किसी और नेता में बिखरे पत्तों को समेटने की क्षमता नहीं है। चाणक्य की हर चाल सुर्खियों में रहती है, ऐसे में सीएम शिवराज ने चाणक्य को देशद्रोही बताकर खुद से आफत मोल ले ली है। अब दिग्विजय ने खुद को देशद्रोही साबित करने के सबूतों का जो पासा फेंका है, वह काफी हद तक बाजी पलटने वाला हो सकता है।

सतना में जब सीएम शिवराज ने जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान दिग्विजय सिंह को देशद्रोही बताया तो उन्होंने इस मौके को लपक लिया और तब से कई बार शिवराज को निशाना बना चुके हैं, लेकिन अब तक उनका एक भी वार निशाने पर नहीं लग सका है, अब 26 जुलाई को दिग्गी राजा आखिरी पंच मारेंगे, जब टीटी नगर थाने में अपनी गिरफ्तारी देने जाएंगे, तब शिवराज को उनके देशद्रोही होने का सबूत देना होगा, ऐसा नहीं करने पर शिवराज को मुंह की खानी होगी।

तब मधुमक्खी की तरह टूट पड़ी थी कांग्रेस
इससे पहले इसी तरह का एक ट्वीट कर दिग्विजय सिंह भी औंधे मुंह गिरे थे, तब पूरी बीजेपी उन पर मधुमक्खी की तरह टूट पड़ी थी, जिसके बाद दिग्विजय को माफी मांगनी पड़ी थी। जिसमें उन्होंने लिखा था कि ये तस्वीर हमारे मित्र ने भेजी थी, लेकिन उसकी प्रमाणिकता के बिना पोस्ट कर दिया था। मुझे बिना प्रमाणिकता जांचे पोस्ट नहीं करना चाहिए था।

उल्टा पड़ रहा शिवराज का दांव
हालांकि, ऐसा बयान देकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह दिग्विजय सिंह को घेरना चाहते थे, लेकिन यह दांव उनके लिए उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है क्योंकि जब दिग्गी राजा थाने में गिरफ्तारी देने जाएंगे, तब सरकार या पुलिस किस आधार पर उन्हें गिरफ्तार करेगी, कहां से देशद्रोही साबित करने के सबूत लायेगी। ऐसे में दिग्विजय को सीएम शिवराज को झूठा साबित करने का मौका मिल जायेगा, जिसे अब से लेकर चुनाव तक कांग्रेस भुनाने से नहीं चूकेगी, वैसे भी विपक्ष, शिवराज को घोषणावीर मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करता है।

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